मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर में दंगे के मामले में कोर्ट पहुंची साध्वी प्राची पेशी के बाद श्रद्धा के सवाल पर बिफर पड़ी। उन्होंने कहा कि सारे मामले की जड़ वह आसमानी किताब है। उन्होंने कहा कि उन्हें श्रद्धा के माता-पिता से भी शिकायत है। यदि उन्होंने श्रद्धा को धर्म की सही शिक्षा दी होती तो आज ये दिन न देखने को मिलता। साध्वी प्राची ने लिव रिलेशनशिप का भी विरोध करते हुए कहा कि वह एक काला कानून है। विवाह पद्धती में व्यवहार और सामाजिकता का बंधन होता है।
कचहरी में हिंदुवादी नेता साध्वी प्राची ने कहा कि हिंदुस्तान की बेटी के 35 टुकड़े हुए। उन्होंने कहा कि उन्हें शिकायत श्रद्धा से भी है और उसके माता-पिता से भी। दिल में उसके लिए पीड़ा है। काश श्रद्धा को उसके माता-पिता धर्म की सही शिक्षा दिला पाते। उन्होंने कहा कि जैसे वे 35 टुकड़े करने के बाद कहते हैं कि उन्हें काई गम नहीं है। चाहे फांसी के फंदे पर चढ़ जाएं, 72 हूरों के दर्शन होंगे। साध्वी प्राची ने कहा कि अब आफताब कह रहा है कि उसे 72 हूरों के दर्शन होंगे। काश श्रद्धा को भी धर्म के ठेकेदार धर्म की शिक्षा देते। उसे महारानी पद्ममनी का जौहर कथाओं में बताया जाता तो 35 नहीं बल्कि ऐसे गंदे लोगों के 72 टुकड़े कर साबित कर देती कि भारत की बेटी रणचंडी भी है। साध्वी प्राची ने कहा कि वे कहते हैं कि उन्हें अफसाेस नहीं है। उन्होंने सवाल दागा कि यह जड़ कहां से है? कहा कि जड़ आसमानी किताब है। जिस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। जो हर बच्ची का धर्म भ्रष्ट कर कभी उसकी हत्या कर उसका शव बोरे में भरकर फेंकते हैं, तो कभी फ्रिज में बंद करते हैं, और कभी सूटकेस में भरकर फेंकते हैं। यदि उस आसमानी किताब पर प्रतिबंध लग जाए तो इन लोगों को सजा का अहसास होगा।
साध्वी प्राची ने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप काला कानून है। यह हिंदुस्तान में नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो विवाह पद्धती है उसमें व्यवहार और सामाजिकता का बंधन है। सात फेरों के बंधन में जीवन की जो प्रक्रिया चलती है वह सात जन्मों की होती है।