भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी का बजट पिछले साल से कम कर दिया गया है। ऐसा लग रहा है कि सरकार सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद नहीं करना चाहती। सरकार की नीति और नियत में फर्क है।

मंगलवार को बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाकियू प्रवक्ता ने कहा कि किसानों को बजट में सरकार ने भारी धोखा दिया है। किसानों की दोगुनी आय करने, सम्मान निधि, दो करोड़ रोजगार, एमएसपी, खाद, बीज, डीजल और कीटनाशक पर कोई राहत नहीं दी गई है। किसानों के लिए सरकार की नीति और नियत में फर्क साफ झलक रहा है। पिछले साल के सापेक्ष इस बार एमएसपी पर खरीद का बजट भी सरकार ने कम कर दिया है। इससे साफ जाहिर है कि सभी फसलों को एमएसपी पर खरीद करने की सरकार की नियत नहीं है। बजट से किसानों को कोई लाभ होता नहीं दिख रहा है। किसान के हाथ निराशा लगी है। 2021-22 में एमएसपी पर खरीद का बजट अधिक था, जबकि इस बार इसे घटाकर सरकार ने मंशा जाहिर कर दी है।

खेती के लिए नकारात्मक बजट
भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि यह बजट खेती के लिए नकारात्मक है। खेती में वित्तीय आवंटन को कम किया गया है। पिछले साल के मुकाबले कुल बजट का कृषि के आवंटन भी कम कर दिया गया है। किसानों की आय दोगुनी करने, किसान सम्मान निधि के आवंटन में वृद्धि न करना, फसल बीमा योजना के लिए आवंटन कम करना, फसलों की खरीद हेतु प्रधानमंत्री आशा स्कीम में आवंटन घटाने को सही नहीं कहा जा सकता।

केंद्रीय पशुपालन मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि केंद्रीय बजट नए भारत एवं सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास की अवधारणा को चरितार्थ करता है। बजट गरीबों, वंचितों, किसानों, युवाओं महिलाओं के विकास के लिए ऐतिहासिक है। किसानों के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए राज्य सरकारों और एमएसएमई की भागीदारी के लिए व्यापक पैकेज पेश किया जाएगा। गंगा के किनारे पांच किलोमीटर चौडे़ कॉरिडोर में रसायनमुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।

भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि खेती में प्रयोग होने वाली वस्तुओं जैसे बीज, कीटनाशक, खरपतवार नाशी, ट्रैक्टर सहित कृषि यंत्रों, पशुओं व पोल्ट्री फीड आदि में जीएसटी की दरों में राहत न देने से स्पष्ट है कि कृषि की बजट में इतनी उपेक्षा की गई है। आजाद भारत के इतिहास में कभी नहीं हुई है। इस बजट से यह भी स्पष्ट है कि सरकार किसानों से बदले की भावना से कार्य कर रही है।