सहारनपुर के सरसावा थाने पर लंबी वार्ता के बाद पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री, अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और विधायकों को लखीमपुर खीरी भेजने पर सहमति बन गई। पांच कारों से करीब 20 लोग लखीमपुर के लिए रवाना हो गए हैं, जो सरसावा से बाईपास की तरफ से जाएंगे। वहीं, कैबिनेट मंत्री अमरिंदर सिंह उर्फ राजा वडिंग ने वापस शाहजहांपुर चौकी पर पहुंचकर समर्थकों से कहा कि हम लोग लखीमपुर खीरी जा रहे हैं,  इसलिए आप वापस पंजाब की तरफ चले जाओ।

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू व पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों की सरसावा थाने में पुलिस अधिकारियों के साथ कई घंटे वार्ता चली। पुलिस अधिकारी नवजोत सिंह सिद्धू से लगातार वापस जाने के लिए वार्ता कर रहे थे, लेकिन सिद्धू इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हुए। वहीं रात का समय देखते सिद्धू व समर्थकों के लिए सहकारी चीनी मिल के अतिथि गृह में 150 लोगों के रुकने और भोजन करने की व्यवस्था भी की गई। लेकिन लंबी वार्ता के बाद सिद्धू और अन्य नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत मिल गई।  

डीआईजी सहारनपुर डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि चार कारों से 5-5 ही लोगों को सहारनपुर से आगे जाने की अनुमति दी गई है। इनमें पंजाब सरकार के मंत्री, विधायक और अन्य नेता भी शामिल हैं। बाकि 250 से 300 वाहनों से आए लोगों को वापस भेज दिया गया है। क्योंकि जिले में धारा 144 लगी हुई है।

लखीमपुर खीरी जाने के लिए सहारनपुर व शामली के रास्ते पहुंचे कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने बॉर्डर पर रोक दिया। दोनों ही जगहों पर जमकर हंगामा हुआ। बताया जा रहा है कि सहारनपुर में नेताओं के साथ मिलकर कांग्रेस समर्थकों ने शाहजहांपुर चौकी पर बैरियर भी तोड़ दिए। इसके बाद पुलिस ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू, तीन कैबिनेट मंत्री और पांच विधायकों सहित कई नेताओं को हिरासत में ले लिया था।

बता दें कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का काफिला गुरुवार को हरियाणा बॉर्डर पर पहुंचा। वहां मौजूद पुलिस फोर्स ने उनका काफिला रोक लिया। इस दौरान कई घंटे तक कांग्रेस नेता लखीमपुर खीरी जाने की जिद पर अड़े रहे। मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात रहा। बाद में वहां पर और बैरियर लगा दिए गए। सूचना मिलने पर सहारनपुर जिले के कांग्रेस कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष मुजफ्फर अली के नेतृत्व में वहां पर पहुंचे और जमकर नारेबाजी की।

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू सहित तमाम नेता यूपी में प्रवेश करने की मांग पर अड़े थे। डीएम और एसएसपी से नेताओं की वार्ता चल रही थी। इसी बीच जबरदस्त हंगामा शुरू हो गया और कांग्रेस नेताओं के साथ आए समर्थकों ने बैरियर तोड़ दिए गए।

कई घंटे तक चले हंगामा और प्रदर्शन के बाद करीब 4:30 बजे पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री राजा अमरेंद्र सिंह, प्रगट सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू और पांच विधायकों व कई अन्य नेताओं को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया है। इन सभी को बस में बैठाकर सरसावा थाने ले जाया गया है। नवजोत सिंह सिद्धू और कैबिनेट मंत्री राजा अमरेंद्र सिंह ने अपने तमाम समर्थकों से कहा कि बाकी लोग यहीं रहेंगे। आगे नहीं जाएंगे। सभी लोगों ने नारेबाजी करते हुए इस पर अपनी सहमति भी जताई।

उधर, कांग्रेस नेता व हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष सहित दिग्गज नेताओं ने शामली के रास्ते से गुरुवार को लखीमपुर खीरी कूच करने के लिए यूपी में प्रवेश करना चाहा। इस दौरान पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। इसके विरोध में कांग्रेस नेता वहीं पर धरना देकर बैठ गए। उन्होंने सीएम योगी और पीएम मोदी सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की। 

बताया गया कि करीब दो घंटे तक हंगामा करने के बाद कांग्रेस नेता वापस लौट गए। इसके बाद प्रशासन ने बॉर्डर पर यातायात सेवाएं शुरू करा दी।

बता दें कि गुरुवार को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के पार्टी विधायकों, मंत्रियों और नेताओं के साथ लखीमपुर खीरी जाने की सूचना के बाद शामली में भी पुलिस-प्रशासन चौकन्ना हो गया था। सुबह ही यमुना के पुल पर वाहनों को खड़ा करके हरियाणा की ओर से आने वाले वाहन रोक दिए गए। जिससे वाहनों की लंबी कतार लग गई। लोगों को पैदल ही दोनों राज्यों की सीमा में प्रवेश करना पड़ा। 

दरअसल, लखीमपुर खीरी में आंदोलन के दौरान किसानों की मौत होने के बाद वेस्ट यूपी के किसान आक्रोशित हैं। इसके बाद वेस्ट यूपी के जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी को लेकर विपक्षी दल के नेता भी आक्रोशित हैं। इसके चलते विभिन्न जिलों से गुजरने वाले हाईवे व ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस चौकसी बढ़ा दी गई है। ताकि कानून व्यवस्था न बिगड़े।

एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पश्चिमी यूपी के जिलों में अलर्ट जारी करने के निर्देश दे दिए हैं। लखनऊ से अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सभी जिलों के डीएम व एसएसपी ने सुरक्षा संबंधी निर्देश देते हुए थाना पुलिस को मुस्तैद कर दिया है। खासतौर पर हाईवे और ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय किसान नेता पर निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस का फोकस है कि पश्चिमी के किसान नेता व विपक्षी दलों के कार्यकर्ता लखीमपुर खीरी न जा पाएं।