नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी का निधन हो चुका है। वह गुजरात कांग्रेस के बड़े नेता थे। वह चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 94 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है। उनका जन्म एक कोली परिवार में हुआ था। सोलंकी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा, नेता विपक्ष परेश धनानी, गुजरात कांग्रेस के प्रभारी राजी, गुजरात की मंत्रिपरिषद ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
जातीय आंकड़े जुटाने में थे माहिर
कांग्रेस के इस दिग्गज नेता जातीय समीकरणों को साध कर गुजरात में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई थी। उन्हें इसके लिए काफी सराहना मिली थी। उन्होंने KHAM थ्योरी के साथ गुजरात में क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम लोगों को एक साथ लाकर गुजरात के अगड़ी जातियों को कई साल तक सत्ता से बाहर रखा था।
राज्य की सत्ता में आए पहली बार
माधव सिंह सोलंकी के राज्य की सत्ता में पहली बार 1977 में पहली बार आए थे। जिसके बाद राज्य विधानसभा में 1980 में दोबारा भारी बहुमत से जीतकर आए थे। जिसके बाद 1981 में सोलंकी ने सामाजिक और आर्थिक रुप से पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण लागू कर दिया था। जिसके बाद राज्य में दंगे हो गए और सोलंकी को अपना इस्तीफा दे दिया था।
अगड़ी जातियों का झेलना पड़ा विरोध
जिसके बाद सोलंकी फिर से KHAM फार्मूले के सहारे सरकार बनाने में सफल रहे। इसलिए KHAM से जुड़ी जातियों के समर्थन मिलने के बाद अगड़ी जातियां उनके नाराज हो गई। पटेल, ब्राहम्ण, बनिया जैसी जातियों का विरोध उन्हें झेलना पड़ा था। लेकिन KHAM के समर्थन से सरकार बनने के बाद उन्होंने राज्य में कई महत्वपूर्ण काम किए थे।
सोलंकी के युग को जाति का युग माना गया
सोलंकी के युग को जाति आधारित युग माना जाता है। गुजरात में जब KHAM के एक साथ आने के बाद सरकार बनी थी। सोलंकी के निर्णयों से नाराज होकर उच्च जातियों ने सरकार और ओबीसी आरक्षण दोनों के खिलाफ सड़क पर बैठकर आंदोलन किया था। यह आंदोलन 2 महीने से भी ज्यादा समय तक चला था। तब सोलंकी को इंदिरा गांधी ने बुलाया था और उन्हें अपना समर्थन देते हुए कहा था कि तुम पीछे मत हटना।
बीजेपी को आगे बढ़ाया
बता दें राज्य में सोलंकी की सरकार से नाराज होकर अगड़ी जातियों ने राज्य में बीजेपी को आगे बढ़ाया था। इंदिरा ने कहा था कि जब गुजरात में हरिजनों पर हमला हुआ था तो इंदिरा ने साथ देते हुए पास के राज्यों की पुलिस को उनकी मदद के लिए भेजा था। इसलिए पड़ोसी राज्यों ने उनको मदद भेजी थी।