बुढ़ाना (मुजफ्फरनगर)। बजाज चीनी मिल भैसाना ने अब तक किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं किया है। मिल पर करीब 162 करोड़ बकाया है। भुगतान नहीं होने से 25 हजार किसान मुश्किल हालात में है। नए शैक्षिक सत्र में बच्चों की पढ़ाई, बीमारियों का इलाज और रोजमर्रा के खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। हिंडन नदी में आई बाढ़ ने किसानों की मुश्किल बढ़ा दी है। फसलों का भारी नुकसान हुआ है। चारे का संकट है और गन्ने की फसल पर खतरा मंडरा रहा है। खेती से परिवार का पालन-पोषण करने वाले किसानों के सामने मुश्किल हालात है। बच्चों की पढ़ाई, बीमारी और अन्य खर्च से संकट बढ़ गया है।

– गांव टांडा माजरा के किसान कृष्णपाल कहते हैं कि उनके हिस्से में करीब 13 बीघे जमीन है। पत्नी बीमार रहती है। चीनी मिल ने पिछले साल के गन्ने के पैसे लेने के लिए वह धरने पर बैठा है। भारी बारिश के कारण खेते में नुकसान हुआ है। बच्चों की पढ़ाई व पत्नी की बीमारी के इलाज के लिए उन्हेें अब परेशानी उठानी पड़ रही है।

– गांव चंधेड़ी निवासी किसान फेरू सिंह बताते हैं कि करीब 18 बीघे जमीन है। गन्ने का भुगतान न होने के कारण वह धरने पर बैठे हैं। हिंडन नदी में बाढ़ आने के कारण पूरे साल की मेहनत बर्बाद हो गई। सारी फसलें पानी में डूबकर सड़ गई। विद्युत निगम ने घर का कनेक्शन काट दिया। किसान क्रेडिट कार्ड की धनराशि कहां से जमा होगी, इसकी चिंता सता रही है।

– गांव चंधेड़ी के किसान प्रवीण का कहना है कि सिर्फ पांच बीघा जमीन है। आवारा पशु भी फसलों को बर्बाद कर रहे है। बहुत छोटी जोत होने के कारण मजदूरी भी पल्लें नहीं पड़ती है। माता बीमार है। उसके इलाज के लिए भी रुपयों का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है। जो गन्ना मिल पर डाला था, उसका भुगतान नहीं मिला। बाढ़ से खेती बर्बाद हो गई।

– अलीपुर अटेरना के किसान राजबीर तीन बीघा जमीन बोते हैं। वह बच्चों के साथ खेती करता है। फसल की लागत मिलना तो दूर की बात है, मजदूरी भी नहीं मिल पाती। आवारा पशुओं ने फसल को बर्बाद कर दिया है। बजाज चीनी मिल द्वारा भुगतान न देने के कारण परिवार पर संकट के बाद है।

– बजाज चीनी मिल भैसाना पर किसानों का 162 करोड़ रुपये बकाया है। अभी तक चीनी मिल ने केवल 175 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। चीनी मिल के अधिकारियों पर भुगतान के लिए दबाव बनाया जा रहा है।