मुजफ्फरनगर। गन्ना सर्वेक्षण में जिले में गन्ने का क्षेत्रफल 471 हेक्टेयर बढ़कर एक लाख 75 हजार 951 हेक्टेयर पर पहुंच गया है। पिछले साल के मुकाबले जिले में तीन प्रतिशत क्षेत्रफल बढ़ा है। जिले में कृषि योग्य भूमि करीब दो लाख हेक्टेयर है। नए सत्र में गांगनौली मिल को गन्ना सप्लाई नहीं होगा।
जनपद का गन्ना अब से पहले 13 चीनी मिलों को सप्लाई किया जाता था, लेकिन नए सत्र में केवल 12 चीनी मिलों को सप्लाई की जाएगी। गन्ना सर्वेक्षण में इस बार गांगनौली को बाहर किया गया है। इस बार केवल 12 चीनी मिलों को ही गन्ना जाएगा। पिछले वर्ष जिले में गन्ने का क्षेत्रफल एक लाख 71 हजार 236 हेक्टेयर था। इस बार गन्ना विभाग और चीनी मिलों के संयुक्त सर्वेक्षण के बाद जो रिपोर्ट आई है उसमें यह एक लाख 75 हजार 951 हेक्टेयर पहुंच गया है।
इसमें पौधा 88 हजार 608 हेक्टेयर एवं पेड़ी 87 हजार 343 हेक्टेयर है। इस बार भैसाना चीनी मिल से ज्यादा क्षेत्रफल खाईखेड़ी का हो गया है। इस बार पौधा नौ प्रतिशत बढ़ा है और पेड़ी घटी है।
चीनी मिल गन्ना क्षेत्रफल/हेक्टेयर
खतौली 33160
तितावी 19746
मंसूरपुर 28346
रोहाना 8445
मोरना 14318
टिकौला 24746
भैसाना 17688
खाईखेड़ी 19665
देवबंद 8334
थानाभवन 474
दौराला 378
मवाना 548
कुल योग: 175951
2021-22 में सहारनपुर जिले की गांगनौली चीनी मिल को 205 हेक्टेयर गन्ने का आवंटन हुआ था। इस बार केवल 12 चीनी मिलों को गन्ने का आवंटन हुआ है। इसमें आठ जिले की चार अन्य जिलों की है।
भुगतान में फिसड्डी बजाज चीनी मिल भैसाना का गन्ना क्षेत्रफल घट रहा है। भैसाना का चार प्रतिशत कम हुआ है और मोरना का केवल एक प्रतिशत कम हुआ है। सबसे ज्यादा 11 प्रतिशत तितावी चीनी मिल क्षेत्र में गन्ना बढ़ा है।
जिला गन्ना अधिकारी संजय सिसौदिया का कहना है कि जनपद में किसानों का गन्ने के प्रति रुझान लगातार बढ़ रहा है। इसी का परिणाम है कि इस बार गन्ने के क्षेत्रफल में 4715 हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई है। यहां का किसान गन्ने की फसल को सबसे सुरक्षित मानता है।