मुजफ्फरनगर। अगले महीने लखनऊ में होने जा रही इनवेस्टर समिट के लिए जिले को 4500 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य मिला है। उद्यमी अब तक 1742 करोड़ निवेश के प्रस्ताव दे चुके हैं। डीएम चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि जिले में उद्यमियों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करने दिया जाएगा। उद्यमी खुलकर निवेश करें। उद्यमियों को सरकार से मिलने वाली छूट और प्रोत्साहन के बारे में बताया गया।
जिला पंचायत सभागार में जिला स्तरीय इनवेस्टर्स समिट का उद्घाटन मुख्य अतिथि डीएम चंद्रभूषण सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उपायुक्त उद्योग परमहंस मौर्य ने कहा कि सरकार औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिए जाने और बेरोजगारी दूर करने को लेकर प्रयासरत है। फरवरी में होने वाले ग्लोबल इनवेस्टर समिट के अंतर्गत जिले को 4500 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य आवंटित किया गया है। अभी तक 36 उद्यमियों ने 1742 करोड़ के प्रस्ताव दिए गए हैं।
डीएम चंद्रभूषण सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्यमियों के सुझाव एवं समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर संज्ञान लें। उद्यमियों से आह्वान किया कि आवंटित लक्ष्य से अधिक निवेश कर जनपद को औद्योगिक क्षेत्र में अग्रणी स्थान दिलाएं। उद्यमियों को आश्वस्त किया कि आपकी समस्याओं को तत्काल दूर कर निवेश को सुगम बनाया जाएगा।
संचालन सहायक आयुक्त उद्योग डॉ बनवारी लाल ने किया। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक वित्त विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल कुमार शर्मा, सहायक श्रमायुक्त प्रतिभा तिवारी, जिला उद्यान अधिकारी, अवर अभियंता प्रदूषण विभाग एवं जनपद की चीनी मिल ईकाइयों के प्रतिनिधि, रोलिंग मिलों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।
पेपर मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने इंडस्ट्री से जुड़ी हुई समस्याओं के समाधान को लेकर चर्चा की। फेडरेशन ऑफ मुजफ्फरनगर कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने कहा कि वर्तमान औद्योगिक नीति औद्योगिक हितों के निवेश के लिये लाभदायक है। आईआईए के अध्यक्ष विपुल भटनागर ने उद्योगों के निवेश पर चर्चा की। निवेशक सत्यप्रकाश रेशू ने अपने उद्योग के प्रस्ताव पर प्रस्तुति दी।
प्रदेश सरकार पर्यटन नीति, हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक नीति-2022, उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल एंड गारमेंटिंग नीति-2022, उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2022, उत्तर प्रदेश जैव ऊर्जा नीति-2022, उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रोनिक नीति-2022 आदि नीतियों का प्रस्तुतीकरण किया गया।