फिरोजाबाद। पांच वर्ष पूर्व भू-माफिया घोषित किए गए नगर पंचायत फरिहा के पूर्व चेयरमैन व सपा नेता अब्दुल हई के अवैध कब्जे पर मंगलवार को प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया। तालाब की जमीन पर अब्दुल हई ने कब्जा कर छह दुकानें बना रखी थीं। दुकानों में सपा नेता का भाई आढ़त चलाता था। जिले में किसी नेता के अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलाए जाने का यह पहला मामला है।
फरिहा कस्बे में मुख्य बाजार के पास तालाब की जमीन थी। इसी जमीन के पास सपा नेता अब्दुल हई की जमीन थी। छह वर्ष पूर्व अब्दुल हई ने तालाब की जमीन पर कब्जा करते हुए छह दुकानों का निर्माण करवाया। इनमें से तीन दुकानें किराए पर उठा दी थीं। इस जमीन पर कब्जे को लेकर शिकायत हुई और 2018 में तत्कालीन डीएम नेहा शर्मा ने अब्दुल हई को भूमाफिया चिह्नित करते हुए कार्रवाई शुरू की। इसके साथ ही तालाब की जमीन की बेदखली का मुकदमा तहसीलदार जसराना के कोर्ट में शुरू किया गया।
छह माह पूर्व तहसीलदार कोर्ट ने बेदखली के आदेश के साथ ही 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसके खिलाफ अब्दुल हई ने डीएम कोर्ट में अपील की। सुनवाई के दौरान कब्जे को अवैध मानते हुए डीएम कोर्ट से अपील खारिज कर दी गई। मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे एसडीएम जसराना पारसनाथ मौर्य, सीओ राजवीर सिंह, तहसील के अधिकारियों और सर्किल के थानों के फोर्स के साथ पहुंचे। प्रशासनिक अमला देख अफरातफरी मच गई।
अब्दुल हई के भाई पहुंचे और दुकान से सामान हटवाने लगे। इसके बाद प्रशासन के दो बुलडोजर दुकानों को ढहाने में लग गए। लगभग डेढ़ घंटे में दुकानों को ढहा दिया गया। कार्रवाई शुरू होते ही बड़ी संख्या में भीड़ जुटी रही। एसडीएम जसराना ने बताया कि अवैध कब्जे को हटा दिया गया है। निर्धारित समय तक जुर्माने के 35 लाख रुपये जमा न करने पर वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
सपा नेता अब्दुल हई सरकारी जमीन पर कई साल से सब्जी मंडी चलवाते थे और किराया वसूला जाता था। दो वर्ष पूर्व तत्कालीन एसडीएम कुमार चंद जवालिया ने सब्जी मंडी हटवाई थी। इसके साथ ही सरकारी जमीन पर तार भी लगवा दिए थे।
2018 में भूमाफिया घोषित किए गए सपा नेता अब्दुल हई लगातार कार्रवाई को टलवाने में सफल होते रहे, मगर इस बार प्रशासन ने मौका नहीं दिया। भूमाफिया घोषित किए जाने के बाद उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई और कोर्ट में मामला लटका रहा। तहसीलदार कोर्ट से फैसला आने के बाद डीएम कोर्ट में अपील कर दी गई, लेकिन यहां अपील निरस्त होते ही प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया। परिवार की ओर से कहा कि उन्हें प्रशासन ने नोटिस दिए बिना ही कार्रवाई कर दी है।