मुजफ्फरनगर। नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर की आबादी लगातार बढ़ रही है, लेकिन सीमा विस्तार 1954 से नहीं हो पाया है। यही कारण है कि शहर की आबादी सटे हुए गांवों में बढ़ने लगी है। कई गांवों और शहर की दूरी खत्म हो चुकी है। नगर निगम का प्रस्ताव बीते 15 सालों से शासन की फाइलों में गुम है।
नगर पालिका परिषद की आबादी यहां तीन लाख 92 हजार 768 है। यहां लगातार जनसंख्या बढ़ रही है, लेकिन 1954 के बाद से आज तक सीमा विस्तार नहीं हो पाया है। 15 साल से नगर निगम बनाने की मांग लगातार उठ रही है। बसपा, सपा और भाजपा तीनों सरकार में नगर निगम का प्रस्ताव पालिका के माध्यम से जा चुका है। शहर से सटे 21 गांवों को मिलाकर नगर निगम का प्रस्ताव गया है। वर्तमान में नगर विधायक कपिलदेव अग्रवाल प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री है। वह खुद प्रस्ताव भिजवा चुके हैं। नगर पालिका बोर्ड बैठक में बोर्ड का कार्यकाल पूरा करने के बाद नगर निगम बनाने का प्रस्ताव पास हुआ था। शासन को यह प्रस्ताव भेजे जाने के बाद निगम का प्रस्ताव एक बार फिर ठंडे बस्ते में चला गया है। आबादी के हिसाब से सीमा विस्तार नहीं होने से शहर को वे सुविधाएं नहीं मिल पा रही है, जिसका वह हकदार है।
शहर से सटे गांव सरवट, कूकड़ा, अलमासपुर, सूजडू, शाहबुद्दीनपुर, मिमलाना आदि ऐसे गांव हैं, जो शहर
कीआबादी में मिलेजुले हैं। सरवट में 50 हजार की आबादी है, कूकड़ा में 40 हजार, अलमासपुर में 35 हजार की आबादी रहती है। शहर की सीमा नहीं बढ़ने से लोग इन गांवों की सीमा में ही रहते हैं। आम आदमी को यह मालूम ही नहीं हो पाता कि वह शहर में है या गांव में।
राज्यमंत्री कपिलदेव, स्वर्गीय विजय कश्यप का आवास कूकड़ा गांव में हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान का आवास सूजडू गांव में है।
नगर विधायक एवं राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल का कहना है कि निगम को लेकर उन्होंने शासन में कई बार प्रस्ताव भिजवाया, लेकिन सफल नहीं हो पाए। सरकार का कार्यकाल पूरा हो रहा है, अब तो अगली सरकार में ही निगम बनेगी।
पहले बोर्ड का पूरा हो कार्यकाल
पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल का कहना है कि नगर निगम चाहते हैं, लेकिन बोर्ड के कार्यकाल के पूरा होने के बाद ही बनना चाहिए।