मंसूरपुर। साइबर ठगों ने सीएमएस को एक और दो मार्च को अलग अलग व्हाट्सएप कॉल कर कहा था कि वह ईडी और लखनऊ से पुलिस अधिकारी सुनील मिश्रा व डीसीपी एसबी शिरोडकर बोल रहे हैं। सीएमएस को बताया गया कि उनके बैंक खाते में अनाधिकृत रूप से लेनदेन हुआ है। इतना ही नहीं ईडी की मुहर लगा एक वारंट उनके व्हाट्सएप पर भी भेजा गया। मेडिकल कॉलेज बेगराजपुर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कीर्ति गिरी गोस्वामी से 36 लाख रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने सात लाख रुपये साइबर ठगों के विभिन्न खातों में फ्रीज करा दिए हैं। मामले की गूंज गृह मंत्रालय तक पहुंच गई और पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह ने भी जिले के पुलिस अधिकारियों से बातचीत की थी।
साइबर ठगों ने सीएमएस को एक और दो मार्च को अलग अलग व्हाट्सएप कॉल कर कहा था कि वह ईडी और लखनऊ से पुलिस अधिकारी सुनील मिश्रा व डीसीपी एसबी शिरोडकर बोल रहे हैं। सीएमएस को बताया गया कि उनके बैंक खाते में अनाधिकृत रूप से लेनदेन हुआ है। इतना ही नहीं ईडी की मुहर लगा एक वारंट उनके व्हाट्सएप पर भी भेजा गया।
साइबर ठगों ने ट्रांजेक्शन सही करने के लिए कुछ खाता नंबर दिए, जिनमें सीएमएस से एक से 22 मार्च तक 36 लाख 88 हजार 267 रुपये जमा कराए गए। बाद में ठगी का अहसास होने पर सीएमएस ने मंसूरपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
सीएमएस डॉ. कीर्ति गिरी गोस्वामी का कहना है कि उन्होंने ठगी का पता चलने पर साइबर क्राइम पोर्टल व मंसूरपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी है। उन्होंने लोगों को यह भी सुझाव दिया कि अनजान लोगों की व्हाट्सएप कॉल रिसीव करने से बचें और समय रहते धोखाधड़ी की सूचना पुलिस को दें।
सीओ खतौली यतेंद्र नागर ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर साइबर ठगों के खातों में सात लाख रुपये फ्रीज करा दिए है। आरोपी दक्षिणी भारत क्षेत्र के रहने वाले है। आरोपियों का पूर्ण पता लगाकर जल्द ही मंसूरपुर पुलिस साइबर ठगों को गिरफ्तार करने के लिए जाएगी।