नई दिल्ली. भारत ने दुनिया को एक से बढ़कर एक बल्लेबाज दिए हैं, जिनका लोहा सभी ने माना है, लेकिन साल 2010 के बाद भारत में गेंदबाजों की एक नई फौज तैयार हुई, जिन्होंने पूरी दुनिया में अपना डंका बजाया. टीम इंडिया से खेलने का सपना हर किसी का होता है, लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा है, जो अपनी घातक गेंदबाजी के बावजूद सेलेक्टर्स के द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है. रोहित शर्मा के बाद कप्तान बनने के बाद इस प्लेयर को उम्मीद थी कि उसे टीम इंडिया में जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा हो ना सका. ऐसे में इस घातक खिलाड़ी के वनडे करियर पर पावरब्रेक लगते हुए दिखाई दे रहे हैं.
आज हम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं, उसने अपने दम पर टीम इंडिया में एक अलग ही मुकाम बनाया है. जी हां हम बात कर रहे हैं उमेश यादव की. उमेश हमेशा से ही अपनी लहराती हुई गेंदों के लिए जाने जाते हैं. उनकी गेंदों को खेलना किसी के लिए भी आसान नहीं है. उमेश ने भारतीय टीम के लिए अपना वनडे डेब्यू 2010 में जिम्बाब्वे के खिलाफ किया था. उसके बाद महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीतने वाली चैंपियंस ट्रॉफी का हिस्सा रहे. वहीं, 2015 वर्ल्ड में भी इस खिलाड़ी को खेलने का मौका मिला था और उन्होंने अपनी गेंदबाजी से सभी का दिल जीत लिया था वह अकेले अपने दम पर भारतीय टीम को सेमीफाइनल तक ले गए थे, 2015 वर्ल्ड कप में उमेश यादव ने भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट हासिल किए थे. उन्होंने 8 मैचों में 18 विकेट चटकाए थे, लेकिन उसके बाद वह सेलेक्टर्स की आंख में खटकने लगे और उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
रोहित शर्मा के कप्तान बनने के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि उमेश यादव टीम इंडिया की वनडे स्क्वाड में जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. उमेश यादव ने अपना आखिरी वनडे मैच 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था. उन्हें वर्ल्ड कप 2019 में भी जग नहीं मिली थी. अब उमेश को हर दौरे से बाहर किया जा रहा है. ऐसे में भारतीय टीम में उनकी वापसी नामुमकिन नजर आ रही है. अब उनके सुनहरे करियर पर तलवार लटकती हुई नजर आ रही है.
उमेश यादव अपनी खतरनाक गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं. वह 152 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद को फेंकते हैं. उनकी लाइन और लेंथ बहुत ही सटीक रहती है. वह बिल्कुल ही विकेट के पास गेंद को फेंकते हैं ताकि ऐज लगने पर विकेट मिल जाए. उन्होंने अपनी गेंदों के दम पर टीम इंडिया को कई मैच जिताए हैं. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने अपनी गेंदों से कहर बरपाया था. आईपीएल में वह दिल्ली कैपिटल्स की तरफ से खेलते हैं, लेकिन इस बार दिल्ली कैपिटल्स टीम ने उन्हें रिटेन नहीं किया है. उनकी उम्र 34 साल की हो चुकी है और वह आईपीएल में 100 से ज्यादा विकेट चटका चुके हैं.
घातक गेंदबाज उमेश यादव भारत की तरफ से तीनों ही फॉर्मेट में खेले हैं. उन्होंने भारत के लिए 52 टेस्ट मैचों में 158 विकेट, 75 वनडे मैचों में 106 विकेट और 7 टी20 मैचों में 9 विकेट चटकाए हैं. उनकी जगह टीम इंडिया में कई युवा खिलाड़ियों ने ले ली है. मोहम्मद सिराज, दीपक चाहर ने जैसे गेंदबाजों ने घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन कर टीम इंडिया में अपनी जगह बनाई है. उमेश फिलहाल भारतीय टेस्ट टीम के नियमित सदस्य हैं.