सहारनपुर। सिद्धपीठ शाकंभरी देवी में बरसाती खोल (नदी) में पानी का जलस्तर तो घट गया है, लेकिन बाढ़ का खतरा अभी भी बना है। पुलिस-प्रशासन और मंदिर प्रबंध समिति की तरफ से बचाव के इंतजाम किए गए हैं। मंदिर की तरफ जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्हें भूरादेव मंदिर पर ही रोका जा रहा है। इसके अलावा तीन बाढ़ चौकियां भी बना दी गई हैं।
मां शाकंभरी देवी मंदिर के सामने से बरसाती नदी में पहाड़ों पर बारिश के बाद जलस्तर बढ़ गया था। उस समय मंदिर परिक्षेत्र में काफी श्रद्धालु दर्शन के लिए आए हुए थे। श्रद्धालुओं को किसी तरह वहां से निकला गया था। एसडीएम बेहट दीपक कुमार ने बताया कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए रक्तदंत्तिका मंदिर और उससे ऊपर पहाड़ियों में दो बाढ़ चौकी बनाई गई है, जिन पर राजस्व विभाग और पुलिस की 24 घंटे शिफ्ट के हिसाब से ड्यूटी रहेगी। जो देहरादून से संपर्क साधकर संभावित बाढ़ की सूचना देते हैं। इससे श्रद्धालुओं को अलर्ट कर भूरादेव तक सुरक्षित पहुंचाया जा सके। इसके अलावा भूरादेव मंदिर पर स्थायी बाढ़ चौकी बनाई गई है। बारिश होने की दशा में श्रद्धालुओं को वहीं पर रोक लिया जाएगा।
मंदिर व्यवस्थापक राणा आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि मंदिर प्रबंध समिति की तरफ से श्रद्धालुओं को बाढ़ से बचाने के लिए आपातकालीन स्थिति में 100 फिट लंबा रस्सा, छह लाइफ सेविंग जैकेट, बाढ़ में फंसे वाहनों को निकालने के लिए एक टू चेन और मंदिर से लेकर रैन बसेरे तक प्रकाश की व्यवस्था की गई है। उन्होंने डीएम और सीडीओ से भी मुलाकात की। उन्होंने बताया कि बेहट से शाकंभरी देवी तक हो रहे चौड़ीकरण पर धीमी गति से कार्य हो रहा है। दोनों तरफ खड़े पेड़ और बिजली के खंभों को नहीं हटाया गया। कार्यदायी संस्था द्वारा सड़क के दोनों किनारों को खोदकर छोड़ दिया गया, जिससे लगातार हादसे हो रहे हैं। उन्होंने जल्द ही कार्य को पूरा कराने की मांग की है।
पुलिस की तरफ से भी बंदोबस्त किए गए हैं। बाढ़ से निपटने के लिए पुलिस के चार बैरियर नागल माफी, भूरादेव मंदिर, शाकंभरी चौकी के सामने और रक्तदंत्तिका मंदिर पर लगाए गए हैं। जिन पर 10 से अधिक पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। एक प्लाटून पीएससी की मांग की गई है, जो एक-दो दिन में सिद्धपीठ पहुंच जाएगी। शंकराचार्य आश्रम के प्रभारी व अखिल भारतीय संत संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत सहजानंद महाराज ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है। उन्होंने कहा कि आगामी बरसात के मद्देनजर श्रद्धालु सिद्धपीठ न आएं। घर पर रहकर मां की पूजा-अर्चना करें।