मुज़फ्फरनगर। शहर के सरकूलर रोड निवासी कारोबारी विनोद मलिक बड़े ठेकेदार हैं। वह हिमाचल प्रदेश में वीकेएम कंपनी के नाम से काला आम्ब क्षेत्र में टोल प्लाजा को ठेके पर चला रहे थे। इसी टोल पर शामली जनपद के कांधला निवासी नवीन हुड्डा था। 31 मार्च को टोल प्लाजा का वार्षिक ठेका पूर्ण होने पर विनोद मलिक ने नवीन हुड्डा को फोन किया। उसे टोल बंद होने की जानकारी देते हुए वहां पर हुई टोल शुल्क वसूली का पैसा टोल टैक्स प्रभारी मोहित से लेकर मुजफ्फरनगर उन्हें लाकर देने को कहा। नवीन ने मोहित से रुपये ले लिए।
वह अपने तीन साथियों बागपत के खेड़की बडौत निवासी निशांत, बागपत के गांव शाहपुर निवासी अरुण व रमाला के गांव जिवाना निवासी पूर्व प्रधान राजीव के साथ मुजफ्फरनगर आया, लेकिन रुपये दिए बिना ही चला गया। इस बारे में सिविल लाइन पुलिस को तहरीर दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। पीड़ित विनोद मलिक ने एसएसपी अभिषेक सिंह को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि कर्मचारी नवीन ने 23 लाख 62 हजार 882 रुपये की धोखाधड़ी की है।
विनोद मलिक का कहना था कि उन्होंने नवीन को रकम कोर्ट रोड स्थित पीएनबी शाखा में जमा कराने को कहा था। नवीन काफी इंतजार के बाद भी बैंक नहीं पहुंचा था। उसने मोबाइल भी बंद कर लिया था। एसएसपी के आदेश पर सिविल लाइन पुलिस ने नवीन सहित चारों आरोपियों के खिलाफ अमानत में ख्यानत का मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीओ आईपीएस व्योम बिंदल ने कहा कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।