बागपत।  मोबाइल टावरों से करोड़ों रुपये के आरआरयू कार्ड चोरी करने वाले अंतरराज्यीय चोर गिरोह के दो सदस्य बसी गांव के जंगल में पुलिस मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हो गए। पुलिस ने दोनों घायल चोरों समेत गिरोह के नौ सदस्यों को गिरफ्तार किया। उनके पास से करीब डेढ़ करोड़ रुपये के 25 आरआरयू कार्ड बरामद किए गए।

एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि मंगलवार रात बसी गांव के जंगल में पेरीफेरल एक्सप्रेस वे के समीप मोबाइल टावर पर चोरी के लिए पहुंचे अंतरराज्यीय चोर गिरोह के दो सदस्यों के साथ स्वाट और खेकड़ा कोतवाली पुलिस की मुठभेड़ हो गई। जहां पैर में गोली लगने से फैसल उर्फ शानू और अमन निवासी लोनी जिला गाजियाबाद घायल हो गए, उनके पास से पुलिस ने तमंचा और कारतूस बरामद किया।

पुलिस टीम ने घेराबंदी करके इकरामुद्दीन उर्फ रामू निवासी गांव पतला, फरमान, साजिद निवासी लोनी, सूरज, शिवम निवासी शालीमार गार्डन साहिबाबाद, साकिर निवासी अशोक विहार गाजियाबाद, शाहरुख निवासी पाली बागपत को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरोह यूपी, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में लगे टावरों को निशाना बनाकर चोरी करता था।

उनके पास से 25 आरआरयू कार्ड, चोरी में प्रयुक्त अर्टिका कार, कार्ड चोरी करने के औजार समेत अन्य सामान बरामद किया गया। बरामद की गई आरआरयू कार्डों की कीमत डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है।

एसपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अंतरराज्यीय चोर गिरोह के सदस्यों को साबिर निवासी लोनी ने टावरों से चोरी करना सिखाया था, जिसे खेकड़ा पुलिस ने टावरों पर चोरी के मुकदमे में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके अलावा फैसल उर्फ शानू और साकिर भी लूटपाट के मुकदमे में जेल भेजे जा चुके हैं।

मोबाइल टावर में लगने वाले एक आरआरयू कार्ड की कीमत आठ लाख से अधिक होती हैं, जो चीन में तैयार किए जाते हैं और दूसरे देशों में भी मांग काफी है। आरआरयू कार्ड को चोरी करने के बाद दिल्लू उर्फ दिलशाद को एक लाख रुपये में बेच देते थे। कार्ड इकट्ठा करने के लिए दिलशाद ने बुराड़ी में गोदाम बना रखा है, गोदाम से ही कार्ड का डाटा डिलीट करने के लिए भेजा जाता है। बताया कि चोरी के आरआरयू कार्ड चीन व जापान भेजे जाते हैं और वहीं से डाटा डिलीट होने के बाद वापस भारत या फिर अन्य देशों की मोबाइल कंपनियों को बेच दिया जाता है।

मोबाइल टावर में दूरसंचार के लिए आरआरयू कार्ड लगाया जाता है। उससे ही टावर से 4जी और 5जी नेटवर्क दिया जाता है। मोबाइल कंपनी के अफसरों की माने तो आरआरयू कार्ड टावर का मुख्य उपकरण होता है। उसके हटते ही नेटवर्क गायब हो जाते हैं। आरआरयू कार्ड के अंदर सर्किट में कुछ सोना भी लगा रहता है।