नई दिल्ली। लोगों के मन में प्रेग्नेंसी को लेकर कई तरह की गलतफहमी होती हैं. इन मिथकों को खत्म करना और उन्हें फैक्ट से बदलना बहुत जरूरी है नहीं तो कई महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान अपने जीवन को काफी हद तक सीमित कर लेती हैं. वहीं, कई महिलाएं कुछ ऐसी गलतियां कर बैठती हैं जो उनके स्वास्थ्य और उनके होने वाले बच्चे के लिए जोखिम भरा हो सकता है. इसलिए प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले प्रेग्नेंसी से जुड़े कुछ मिथ्स और उनसे जुड़े सवालों के बारे में सही जानकारी हासिल करना बहुत जरूरी है.

यह एक ऐसा सवाल है जो लगभग सभी गर्भवती महिलाएं पूछती हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, घी और नॉर्मल डिलीवरी का आपस में कोई लेना-देना नहीं है. एक सामान्य प्रसव पूरी तरह से बच्चे के आकार, महिला की श्रोणि के आकार और प्रेग्नेंसी के दौरान आपकी शारीरिक गतिविधि पर निर्भर करता है.

प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाएं स्ट्रेच मार्क्स से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय ढूंढती रहती हैं. आमतौर पर लोग उन्हें विटामिन ई और कोको बटर लगाने की सलाह देते हैं. हालांकि, प्रेग्नेंसी के दौरान पेट पर कोई क्रीम या घरेलू उपाय लगाने से स्ट्रेच मार्क्स को नहीं रोका जा सकता है. कुछ लोगों के स्ट्रेच मार्क्स ज्यादा होते हैं तो कुछ लोगों के कम. यह पूरी तरह से आपकी स्किन के प्रकार और बच्चे के आकार पर निर्भर करता है.

प्रेग्नेंसी में व्यायाम करना पूरी तरह से सुरक्षित है. यह आपको आसान डिलीवरी में मदद करता है. हालांकि, कौन सा व्यायाम कब करना है और कब करना है, इस बारे में अपने फिटनेस एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह जरूर करें.

एक्सपर्ट का कहना है कि कई गर्भवती महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान समुद्री भोजन के सेवन को लेकर भ्रमित रहती हैं. तो हम आपको बता दें कि प्रेग्नेंसी में समुद्री भोजन का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित है. मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती है, जो बच्चे के दिमागी विकास के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है.

ज्यादातर गर्भवती महिलाओं के मन में ये सवाल उठता है. हालांकि यह बात बिल्कुल सच है कि आपको अपनी और बच्चे की सेहत को ध्यान में रखकर ही खाना खाना चाहिए. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको दो लोगों के बराबर खाना खाने की जरूरत है. प्रेग्नेंसी के दौरान 450 से 500 कैलोरी से ज्यादा खाने की बिल्कुल जरूरत नहीं है.

यह तो एक बड़ा मिथ है. मसालेदार भोजन का सेवन आपको एसिडिटी, गैस और सीने में जलन जैसी समस्याओं से ग्रसित कर सकता है. इसलिए ऐसी अवधारणाओं में फंसने से बचें.

यदि आपकी प्रेग्नेंसी नॉर्मल है, तो आप पहले कुछ महीनों में सेक्स कर सकती हैं, लेकिन तीसरे ट्राइमेस्टर में सेक्स से बचना चाहिए. यदि प्रेग्नेंसी में कोई कॉम्प्लिकेशन है, तो डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा है. यदि आप प्रेग्नेंसी में सेक्स को चुनते हैं, तो कुछ सावधानी बरतनी जरूरी है.