नई दिल्ली. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन नरक चतुर्दशी व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण और माता काली के साथ-साथ देवता यमराज की विशेष पूजा का भी विधान शास्त्रों में वर्णित है। हिन्दू धर्म में नरक चतुर्दशी व्रत का बहुत महत्व है। इस पर्व को नरक चौदस, रूप चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार यह व्रत दिवाली से एक दिन पहले रखी जाती है। आइए जानते हैं अक्टूबर 2022 किस दिन रखा जाएगा यह व्रत, मुहूर्त और इस दिन क्या करना चाहिए।
कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 23 अक्टूबर 2022 को शाम 06 बजकर 03 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समापन: 24 अक्टूबर 2022 को शाम 05 बजकर 27 मिनट पर
नरक चतुर्दशी व्रत तिथि: 24 अक्टूबर 2022, सोमवार
स्नान मुहूर्त: 24 अक्टूबर 2022, सुबह 05:08 – सुबह 06:31
काली चौदस 2022 तिथि और मुहूर्त: 23 अक्टूबर 2022, रविवार रात 11:42 से 24 अक्टूबर 2022 प्रात: 12:33 तक
किवदंतियों के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध सृष्टि को उसके प्रकोप से बचाया था। इसलिए इस दिन कान्हा की पूजा से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।
नरक चतुर्दशी व्रत के दिन सुबह शरीर पर उबटन लगाने के बाद नहाने के फायदे को शास्त्रों में भी बताया गया है। माना जाता है कि ऐसा करने से रूप में निखार आता है।
इस दिन संध्या के समय घर के मुख्य द्वार पर दीपक जरूर जलाएं। साथ ही निमित्त आटे का चौमुखी दीपक जलाना भी नही भूलना चाहिए। इससे देवता यमराज प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के परिवार की अकाल मृत्यु से रखा होती है।
इस दिन दक्षिण दिशा में मुख कर ‘मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्।। ‘ मंत्र का जाप करना चाहिए।
यमाय नम: यमम् तर्पयामि।
यमाय धर्मराजाय मृत्ये चांतकाय च, वैवस्वताय कालाय सर्वभूतक्षयाय च।
औदुम्बराय दध्राय नीलीय परमिष्ठिने, व्रकोदराय चित्राय चित्रगुप्ताय वै नम:।।