शामली। हसनपुर लुहारी गांव से निकल रहे नाले पर शामली और मुजफ्फरनगर जिले के ग्रामीण एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। बृहस्पतिवार की रात को नाले के पक्का निर्माण करने को लेकर शामली के हसनपुर लुहारी ओर मुजफ्फरनगर के टांडा गांव के ग्रामीणों में झड़प हुई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर नाले का काम रुकवा दिया। इसके बाद शुक्रवार सुबह को फिर दोबारा दोनों गांव के ग्रामीणों में तनातनी हुई।
हसनपुर लुहारी गांव की पानी की निकासी के लिए एक नाला गांव से होकर मुजफ्फरनगर जिले के गांव टांडा से होकर आगे निकल रहा है। हसनपुर लुहारी के ग्रामीणों का कहना है कि गांव से पानी की निकासी का यह नाला सैंकड़ों वर्ष पुराना है।
इसी नाले से गांव के पानी की निकासी होती आई है। साथ ही टांडा के ग्रामीणों द्वारा नाले का रास्ता बंद किए जाने के कारण सारा पानी गांव में ही एकत्रित होता है। पूर्व में बारिश का पानी निकासी नहीं होने के कारण लोगों की दुकानों व घरों में घुस गया।
इस समस्या को लेकर ग्राम पंचायत की ओर से दो दिन पहले इस नाले का पक्का निर्माण शुरू किया गया। कार्य शुरू होते ही बृहस्पतिवार रात को करीब दस बजे टांडा गांव के दर्जनों ग्रामीण मौके पर पहुंचे और नाले पर मिट्टी डालनी शुरू कर दी। सूचना मिलते ही हसनपुर लुहारी के ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान दोनों गांव के ग्रामीणों में तीखी नोकझोंक हुई।
सूचना मिलते ही कादरगढ़ चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को शांत कर दिया। इसके बाद पुलिस ने अधिकारियों के मौके पर जाकर जांच करने तक काम को रोकने के आदेश दिए। शुक्रवार सुबह को दोबारा दोनों गांव के ग्रामीण मौके पर एकत्रित होने शुरू हो गए थे।
पुलिस ने मौके पर पहुंचे कर बीच बचाव कर मामले को शांत कराया। वहीं, टांडा गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि नाले से पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है, जिस कारण नाले का पानी उनके खेतों में जाकर घुसता है। फिलहाल नाला प्रकरण पर स्थिति जस बनी हुई है।