सहारनपुर। पूर्व विधायक इमरान मसूद कल यानी सात अक्तूबर को दिल्ली में कांग्रस ज्वॉइन करेंगे। वह बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। इमरान मसूद का कहना है कि कांग्रेस में पहले से ही आस्था थी। कहा कि फिर से घर वापसी कर रहा हूं।
पूर्व विधायक इमरान मसूद शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर पार्टी ज्वॉइन करेंगे। मीडिया से बातचीत के दौरान इमरान मसूद ने कहा कि वह पहले भी कांग्रेस के सिपाही रह चुके हैं। परिस्थितियों की वजह से करीब एक-डेढ़ साल पार्टी से दूर रहे हैं, लेकिन अब दोबारा से अपने घर वापसी कर रहे हैं। मौजूदा हालत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी, जिसके बाद परिवर्तन का दौर शुरू हुआ।
पार्टी में दोबारा वापसी पर कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है। अब जो भी आगामी कार्यक्रम होंगे वह पार्टी की नीति के अनुसार किए जाएंगे। प्रयास रहेगा कि जल्दी से जल्दी सहारनपुर में पार्टी के बैनर तले बड़े स्तर पर रैली का आयोजन किया जाए।
पूर्व विधायक ने कहा कि शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे वह अपने समर्थकों के साथ देवबंद टोल प्लाजा से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। जिसमें करीब 700 से अधिक गाड़ियों का काफिला होगा। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।
बता दें कि इमरान मसूद करीब दो साल पहले तक कांग्रेस में थे, लेकिन किसी कारणवश उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था। हालांकि सपा में भी ज्यादा समय नहीं रहे और फिर बसपा में शामिल हो गए थे। करीब डेढ़ माह पहले राहुल गांधी की तारीफ करने पर बसपा ने इमरान को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद भी अटकलों का दौर जारी था कि आखिर इमरान किस पार्टी में जाएंगे। तीन दिन पहले ही उन्होंने घोषणा की थी कि वह सात अक्तूबर को कांग्रेस में शामिल होंगे।
इमरान मसूद ने हाल ही में मुजफ्फरनगर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि अब मुसलमानों को एकजुट होकर कांग्रेस का समर्थन करना चाहिए। मुसलमानों के लिए कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है।
कांग्रेस नेता अब्बास अली खां के आवास पर इमरान मसूद ने कहा कि वर्तमान समय दो विचारधाराओं का रह गया है। एक विकल्प कांग्रेस के साथ है और दूसरा विकल्प भाजपा के साथ है।उन्होंने कहा कि मुसलमान, दलित और ब्राह्मण कांग्रेस के परंपरागत मतदाता रहे हैं। यदि मुसलमान कांग्रेस में वापस लौट आए तो ब्राह्मण, दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग भी कांग्रेस में लौट आएगा। अब देश में बदलाव का दौर है और 2024 के चुनाव में बदलाव होना तय है।