गाजियाबाद। संजयनगर में वी फाइनेंसर्स नाम से कंपनी चलाते हैं। जहां प्राइवेट फंडिंग करवाई जाती है। नवंबर में उनके पास एक प्राइवेट फाइनेंस के लिए नाथन सिंह के नाम से फाइल मिली। जिसमें बताया गया कि उनकी राजनगर में कोठी है। उन्हें एक निजी कंपनी में रुपये निवेश करने हैं। इसके लिए ऋण लेने के लिए प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेज लगाए गए। उन्होंने दस्तावेजों के आधार पर प्रक्रिया कराई। जिसमें कंपनी के साढ़े तीन लाख रुपये खर्च भी हुए। इसी बीच कोठी के सत्यापन कराने के दौरान पता चला कि जिसने आवेदन किया वह नाथन सिंह है ही नहीं।

नाथन सिंह की 1993 में मौत हो गई और आरोपी दिल्ली के कश्मीरी गेट सिविल विंग तीस हजारी निवासी राकेश सहगल आरोपी राकेश सहगल को गिरफ्ता30 साल पहले 1993 में जिस व्यक्ति की मौत हो गई, उसी के नाम के फर्जी दस्तावेज से एक फाइनेंस कंपनी से 3.5 करोड़ रुपये का ऋण लेने के प्रयास का मामला सामने आया है। सत्यापन के दौरान फाइनेंस कंपनी को जालसाजी का पता चला तो कंपनी के प्रतिनिधि जलज कुमार ने आरोपी राकेश सहगल के खिलाफ कविनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।