गाजियाबाद. गाजियाबाद के नंदग्राम थाना पुलिस ने शुक्रवार को एक धोखेबाजों के ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया जो नामी ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर घटिया गुणवत्ता के बल्ले बेच रहे थे। ये बल्ले फ्लिपकार्ट, अमेजन और अन्य ई-कॉमर्स साइट पर बेचे जाते थे। सिर्फ 250 रुपये खर्च में तैयार बल्ले को 2500 में बेचते थे। लोग इसलिए झांसे में आ जाते थे क्योंकि दुकान पर बल्ले की कीमत इससे कहीं ज्यादा है।

पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 2159 बल्ले और कंपनियों के नाम के 1181 स्टीकर बरामद किए हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब बल्लों की कंपनी के पास इसकी जानकारी पहुंची। कंपनियों के अधिकारी यह देखकर हैरान थे कि उनके बल्ले इतनी कम कीमत पर ऑनलाइन कैसे बिक रहे हैं। पुलिस को बताया गया कि उनकी कंपनी के नाम से बल्ले बेचे जा रहे हैं जिनकी गुणवत्ता बहुत घटिया है।

इस पर पुलिस ने जांच शुरु की तो पूरे खेल से पर्दा उठ गया। यह पूरा कारोबार नंदग्राम के सेवा नगर में दो मकानों से चलाया जा रहा था। पुलिस ने छापा मारा तो मौके से सेवानगर निवासी दीपक, अभिषेक और ज्योतिनगर दिल्ली निवासी सुरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया। सेवानगर निवासी दीपक के भाई आकाश, अविनाश और मेरठ के सूरजकुंड निवासी सुरेंद्र फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है।

एसपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि बड़ी कंपनियों के नाम से घटिया बल्ले बेचने के खेल का मास्टरमाइंड अभिषेक है। उसने बीटेक किया है। वह सिविल इंजीनियर के रूप में कई कंपनी में काम कर चुका है। उसका साथ भाई दीपक और आकाश दे रहे थे। दीपक इंटर पास है और आकाश दसवीं पास है। तीनों भाइयों ने दो साल पहले यह काम शुरु किया था। उन्होंने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे पहले नौकरी करते थे। लॉकडाउन में नौकरी चली गई तो तीनों भाइयों ने मिलकर ऑनलाइन बल्ले बेचने का काम शुरु किया।

पुलिस पूछताछ में अभिषेक ने बताया कि वे लोग मेरठ से सस्ते बल्ले खरीदते थे। उस पर बड़ी कंपनी का स्टीकर लगाते थे। इसके बाद दस गुना दाम पर बेचते थे। 200 का बल्ला खरीदकर 2000 में बेचते थे, 250 वाला 2500 में। स्टीकर लगाने का काम घर में ही करते थे। आईपीएल के दौरान रोज की बिक्री लाखों में होती थी। एसजी, एसएस, एमआरएफ, वुल्फ प्राइड और स्पैरोन जैसे कंपनी के स्टीकर देख लोग बल्ले खरीदते थे।

पूछताछ में दीपक ने बताया मेरठ से बल्ले लाने की जिम्मेदारी सूरजकुंड मेरठ निवासी सुरेंद्र को दे रखी थी। दिल्ली निवासी सुरेंद्र कुमार ऑर्डर डिलीवरी करने का काम करता था। पुलिस का कहना है कि सुरेंद्र कुमार को फ्लिपकार्ट कंपनी का डिलीवरी ब्वाय व एजेंट बताया जा रहा है। इसकी जांच की जा रही है। वहीं, दीपक, अभिषेक, आकाश और अविनाश बैट पर स्टीकर लगाने और ऑनलाइन साइट पर ऑर्डर लेने का काम करते हैं।

पूछताछ में पता चला कि दीपक और उसके साथियों ने यश इंटरप्राइजेज, लक्ष्य इंटरप्राइजेज, लविका इंटरप्राइजेज, अविनाश टेक्नोलाजी, आयरन स्पार्ट्स एलाइट इंटरप्राइजेज नाम की फर्म बना रखी थी। जिनके माध्यम से पूरे देश में फर्जीवाड़ा कर रहे थे।