गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के आसपास आने वाले 10 साल में नए लॉजिस्टिक हब और व्यावसायिक केंद्र विकसित होंगे। बोर्ड से मंजूरी के बाद जीडीए ने मास्टर प्लान-2031 का ड्राफ्ट फाइनल कर दिया है। जीडीए ने इसमें भोजपुर और दुहाई में दोनों एक्सप्रेसवे के आसपास के क्षेत्र को भी शामिल किया है। इसके बाद अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का क्षेत्रफल करीब 5500 वर्ग हेक्टेयर बढ़ जाएगा। मास्टर प्लान-2031 पर 22 जून तक लोगों से आपत्तियां मांगी गई हैं। आपत्तियों के निस्तारण के बाद बोर्ड में लाकर इसे लागू कर दिया जाएगा।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रसवे का निर्माण मास्टर प्लान-2021 के बनने के बाद हुआ है।

कनेक्टिविटी बेहतर होने के साथ-साथ इन दोनों एक्सप्रेसवे के आसपास के क्षेत्र में विकास की संभावनाएं भी मिली हैं। इन्हीं संभावनाओं की वजह से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के आसपास दुहाई और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पास भोजपुर के क्षेत्र को जीडीए ने न सिर्फ लॉजिस्टिक हब के लिए बल्कि स्पेशल एरिया के लिए शामिल किया है। स्पेशल एरिया में व्यावसायिक और रिहाइशी दोनों तरह के विकास कराए जा सकेंगे। नए मास्टर प्लान में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से सटे कल्लू गढ़ी के आसपास ट्रांसपोर्ट नगर और कुशलिया के आसपास होलसेल कॉमर्शियल एरिया के लिए प्रावधान किया गया है। इनके अलावा बस अड्डे, छोटे औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का भी प्रावधान किया गया है। 2031 तक के विकास के लिए खींचे गए इस खाके में रैपिड रेल कॉरिडोर के आसपास विकास की संभावनाओं को भी शामिल किया गया है।

जीडीए के अधिकारियों का कहना है कि प्राधिकरण के इस मास्टर प्लान को एनसीआर के रीजनल प्लान-2041 को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उसके प्रावधानों को इसमें शामिल किया गया है। उनका कहना है कि प्राधिकरण के इस मास्टर प्लान-2031 में आने वाले 10 साल का विजन निर्धारित किया गया है। गाजियाबाद को और सुविधायुक्त बनाने के लिए प्लानिंग की गई है।

आवासीय क्षेत्र 40 फीसदी
व्यावसायिक क्षेत्र 3 फीसदी
हरित क्षेत्र 17 फीसदी
औद्योगिक क्षेत्र 9.5 फीसदी
यातायात के लिए 14 फीसदी
सामान्य सुविधाओं के लिए 6 फीसदी
अन्य क्षेत्र 10 फीसदी

जीडीए ने मास्टर प्लान-2031 पर 22 जून तक आपत्तियां मांगी हैं। इसके लिए जीडीए, एनसीआर प्लनिंग बोर्ड के कार्यालय में मास्टर प्लान की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। लोग इनका अवलोकन कर आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। निर्धारित अवधि में मिलने वाली आपत्तियों पर जीडीए वीसी कृष्णा करुणेश की अध्यक्षता में बनी समिति सुनवाई कर निस्तारण करेगी। आपत्तियों और सुझाव के अनुसार मास्टर प्लान में बदलाव भी किए जा सकते हैं। इसके बाद इसे जीडीए बोर्ड में पेश किया जाएगा और यहां से सहमति मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।