गाजियाबाद. प्रयागराज में 15 अप्रैल को माफिया ब्रदर्स अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. गोली मारने वाले तीनों हत्यारे मीडियाकर्मी के रूप में आए थे. तीनों हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में है और जांच चल रही है. इसी बीच गाजियाबाद से अतीक-अशरफ के हत्यारोपियों की मदद करने की मांग उठी है.

इतना ही नहीं बल्कि अतीक की हत्या को राक्षस का वध भी बताया गया है. गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के शिष्य यति निर्भयानंद सरस्वती द्वारा अतीक-अशरफ के तीनों हत्यारों को कानूनी और आर्थिक रूप से सहायता करने की बात कही गई है.

इसके लिए सोशल मीडिया पर क्राउड फंडिंग भी चलाई जा रही है. इतना ही नहीं निर्भयानंद सरस्वती का कहना है कि वह तीनों के परिवार से भी मुलाकात करेंगे. सरस्वती द्वारा अतीक की हत्या को “राक्षस का वध” बताया गया है. तीनों आरोपी के सनातन और हिंदू धर्म से होने के कारण उनकी रक्षा का संकल्प स्वामी निर्भयानंद ने लिया है.

मीडिया के माध्यम से उन्हें उनके शिष्य की इस मांग का पता लगा है. गुरु होने के नाते वह भी इस मांग का समर्थन करेंगे. लेकिन किसी भी हत्यारे की मदद के वो खिलाफ रहेंगे. साथ ही हत्यारों के परिवार की आर्थिक मदद करने पर वह बोले कि अतीक की हत्या किसी बड़ी साजिश के तहत हुई है. वो हत्यारोपी कोई आम नहीं बल्कि किसी बड़े नाम से जुड़े हुए होंगे. ऐसे में परिवार की आर्थिक हालत को देखना ठीक नहीं है. बल्कि कानून को अपना काम करना चाहिए.

जब प्रयागराज के कांग्रेसी नेता राजकुमार द्वारा अतीक की कब्र पर तिरंगा रखने के सवाल को पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसे लोग कलंक है. इन लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए जो एक गैंगस्टर को शहीद बता रहे है और उसे भारत रत्न देने की मांग कर रहे है.