बागपत।  आधार कार्ड नहीं बनने के कारण पांच हजार बच्चों का ड्रेस और जूतों का पैसा फंसा हुआ है। क्योंकि वित्तीय वर्ष समाप्त होेने में एक माह शेष बचा हुआ है और ऐसे में अभी उन्हें डीबीटी का 1200 रुपये मिलने की उम्मीद नहीं है। अब अगले वर्ष ही डीबीटी का पैसा मिल सकेगा।

शासन स्तर से प्रत्येक बच्चे को ड्रेस मुहैया कराई जानी है। इसके लिए 1200 रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों के खाते में भेजी जाती है। इस धनराशि से बच्चे की दो जोड़ी ड्रेस, जूते-मोजे, स्वेटर, स्कूल बैग व स्टेशनरी खरीदी जा सकेगी। शासन के मानकों के तहत इस व्यवस्था के लिए बच्चों का आधार कार्ड बना होना अनिवार्य है।

जिसे जिले की प्रत्येक बीआरसी पर बनवाया जाता है। पांच हजार के करीब बच्चों के आधार कार्ड न बने होने की वजह से इनकी ड्रेस को लेकर संकट खड़ा हो रहा है। 11 माह गुजर जाने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग बच्चों का आधार कार्ड नहीं बना सका और इस कारण बच्चाें के खाते में डीबीटी के 1200 रुपये तक उनके खाते में नहीं आए।

जन्म प्रमाण पत्र व माता-पिता का नाम गलत होने से भी अटकी राशि: बीएसए गीता चौधरी ने बताया कि बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र न होने व कागजों में माता-पिता का नाम गलत होना भी डीबीटी का 1200 रुपये खाते में न आने का कारण है।

इतना ही नहीं शिक्षा विभाग द्वारा जो आधार कार्ड बनाकर दिल्ली भेजे जा रहे है, उनको भी वेरीफाई करने में डेढ़ से दो माह लग रहा है। कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। जल्द ही बच्चों के आधार कार्ड बनाकर डीबीटी उनके खाते में भेजी जाएगी।