नई दिल्ली। आमतौर पर भारत के लोग दुनिया में सबसे ज्यादा नहाने वालों में शुमार किये जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के चलते औसत भारतीय लोग तकरीबन रोज नहाते हैं. क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करके उनका तन और मन ना केवल तरोताजगी से भर उठता है बल्कि ऐसा करके वो अपने शरीर को पवित्र कर लेते हैं. बहुत से भारतीय इसलिए रोज नहाते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि रोज पूजा-पाठ के लिए नहाना हर हाल में जरूरी है. लेकिन साइंस कुछ और ही कहती है.
साइंस मानती है कि अगर आप रोज नहाते हैं तो अपना नुकसान कर रहे हैं साथ ही प्रतिरोधक क्षमता का भी कम कर रहे हैं. दुनियाभर के स्किन स्पेशलिस्ट मानते हैं कि अगर ठंड में रोज नहीं नहा रहे हैं तो अच्छा ही कर रहे हैं. जरूरत से ज्यादा नहाना हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है. वैसे गर्मियों में रोजाना नहाना सभी को अच्छा लगता है लेकिन सर्दियो में बाथ किसी चुनौती से कम नहीं.
कई स्टडीज में साबित हो चुका है कि स्किन में खुद को साफ करने की बेहतर क्षमता होती है. अगर आप जिम नहीं जाते या रोजाना पसीना नहीं बहाते, धूल-मिट्टी में नहीं रहते तो आपके लिए रोजाना नहाना जरूरी नहीं है.
अगर सर्दियों में गरम पानी से देर तक नहाते हैं तो ये फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला है. इससे स्किन ड्राई हो सकती है. इससे शरीर का नेचुरल ऑयल निकल जाते हैं. शरीर का ये नेचुरल ऑयल हम सभी के लिए बहुत जरूरी है. ये प्रतिरोधक क्षमता का भी काम करता है. साइंस के अनुसार ये ऑयल आपको मॉइश्चराइज्ड और सुरक्षित रखने में सहायक होता है.