मुजफ्फरनगर। जिले के किसानों के लिए बडी खुशखबरी है। खेतों में सिंचाई की नई तकनीक के जरिए जहां पानी की बचत होगी ओर भूजल स्तर बढेगा, वहीं किसानों को इसके लिए नाम मात्र का पैसा ही खर्च करना होगा। इस योजना में आने वाले खर्च का 90 प्रतिशत हिस्सा सरकार खुद वहन करेगी।
खेती में पानी का दुरुपयोग रोकने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ड्रिप सिंचाई पर जोर दे रही है। किसानों के खेतों में 90 प्रतिशत अनुदान पर ड्रिप सिंचाई के यंत्र लगाए जा रहे हैं। जनपद में इस वर्ष का लक्ष्य 1520 हेक्टेयर का है। ऑनलाइन आवेदन के बाद कंपनी के अधिकारी सर्वे के लिए किसान के खेत में पहुंच जाते हैं।
जिला उद्यान विभाग के माध्यम से प्रदेश सरकार किसानों को ड्रिप सिंचाई के प्रति जागरूक कर रही है। बुढ़ाना ब्लॉक के 53 गांवों में अटल भूजल योजना के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई का अभियान चल रहा है। जनपद के अन्य गांवों में ड्रिप सिंचाई के लिए उद्यान विभाग में आवेदन करना होगा। प्रदेश सरकार ने जिले में 2023-24 में 1520 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया है।
अब से पहले उद्यान विभाग ही ड्रिप सिंचाई की लाइन बिछाने आदि का कार्य कराता था। अब प्रदेश सरकार ने जनपद में इस कार्य की जिम्मेदारी गुजरात की कंपनी जीएसके इंडस्ट्रीज को दी है। किसान जैसे ही ऑनलाइन आवेदन करता है कंपनी के अधिकारी किसान के खेत में सर्वे के लिए पहुंच जाते हैं।
इसके बाद किसान को लागत का दस प्रतिशत जमा करना होता है। यह पैसा भी ऑनलाइन जमा होता है। पैसा जमा होते ही कंपनी खेत में ड्रिप सिंचाई लगाने का काम कर देती है। एक हेक्टेयर पर ड्रिप सिंचाई में एक लाख 46 हजार 625 का खर्च आता है। 90 प्रतिशत खर्च केंद्र और प्रदेश सरकार उठाती है। जनपद में अब तक 249 किसानों ने योजना में आवेदन किया है।
जिले के प्रभारी उद्यान अधिकारी रवि प्रकाश ने बताया कि ड्रिप सिंचाई के लिए किसान आवेदन उद्यान विभाग में करेंगे। जीएसके इंडस्ट्रीज खेत में जाकर सर्वे करेगी। जब ड्रिप सिंचाई का कार्य पूरा हो जाएगा तो थर्ड पार्टी इसकी जांच करेगी। यह थर्ड पार्टी प्रदेश सरकार से नामित होगी।