
नई दिल्ली। केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों के इस प्रदर्शन को करीब दो महीने से भी ज्यादा का समय हो गया है। दो दिन पहले तक ऐसा लग रहा था कि ये प्रदर्शन लगभग खत्म हो चुका है, क्योंकि किसान संगठनों ने अपने नाम वापस लेने शुरू कर दिए थे और प्रदर्शनकारी भी घर वापसी कर रहे थे।
आंदोलन पर केंद्र और राज्य की नजर
इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत के आंसूओं ने इस आंदोलन को जिंदा रखने का काम किया। उनके भावुक होने के बाद फिर से किसान सीमाओं पर जुटने लगे। Farm Laws के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर समेत अन्य जगहों पर भी आंदोलन जारी है। वहीं 26 जनवरी जैसे हालात फिर से पैदा ना हो इसे लेकर केंद्र और राज्य सरकार नजर बनाए हुए हैं।
इंटरनेट सेवा रोकने पर बोले राकेश टिकैत
सुरक्षा एजेंसियां भी पूरी तरह से स्टैंड बाई मोड पर हैं। वहीं, सरकार द्वारा सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर, टिकरी सीमा और आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद करा दी गई हैं। जो कि 31 जनवरी की रात 11 बजे तक स्थगित रहेगी। इस बीच बंद हुई इंटरनेट सेवा को लेकर भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya kisan Union) ने हमला बोला है।
इंटरनेट सेवा बंद करने से खफा भाकियू के प्रवक्ता और गाजीपुर सीमा पर किसान आंदोलन की कमान संभाले हुए राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने अपने ट्विटर (Twitter) हैंडल से ट्वीट किया कि गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट बंद कर दिया गया है। सरकार किसानों की आवाज नहीं रोक सकती है। इसके अलावा BKU के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि केंद्र अभिव्यक्ति की आजादी को छीनने का काम कर रही है।
सरकार के पास केवल यहीं हथियार
उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा इंटरनेट सर्विस पर रोक लगाई है। सरकार के पास केवल यहीं एक हथियार है। मगर जनता तक किसानों की बात पहुंच चुकी है। बता दें कि दिल्ली से सटी सीमाओं पर किसान भारी संख्या में मौजूद हैं। वहीं, किसानों के प्रदर्शन के दौरान किसी अनहोनी को टालने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किए गए हैं।
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