शामली। शीतलहर एवं घने कोहरे के दृष्टिगत विभाग स्तर पर पूर्व तैयारियों के सम्बन्ध में जिलाधिकारी शामली अरविन्द कुमार चौहान ने सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देशित किया गया है। जनपद शामली जगलों-पहाड़ो आदि से घिरे होने से प्रायः जनपद के अधिकांश क्षेत्रों में घने कुहरें व मौसम बदलने के साथ ही गुलाबी सर्दी ने भी दस्तक दे दी है, जिसके कारण सड़क दुर्घटनाएं अग्निकाण्ड इत्यादि अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। उक्त के दृष्टिगत व्यापक रूप में होने वाली जन-धन की हानि को न्यून करने हेतु विभागवार निम्न कार्य ससमय पूर्ण किया जाना है अपेक्षित है। 1-सड़कों की मरम्मत एवं अन्य कार्य- सड़को में बने गड्ढ़ो का मरम्मत कार्य तत्काल पूर्ण कराया जाय।
साथ ही डिवाइडर की मरम्मत एवं मानक के अनुसार उनका रंग-रोगन कार्य पूर्ण हो। विभिन्न प्रकार के सड़क की सतह का अंकन ( Road Surface Marking) गतिरोधक, Zebra Crossing आदि पर पेंटिंग का कार्य निर्धारित मानक के अनुसार सुनिश्चित हों। सडको के किनारे रेडियम पट्टी दिकपरिर्वतन सूची आदि कार्य कराये तथा अति संवेदनशील स्थल जहाँ पर प्रायः दुर्घटनाएं होती हों, को सूचीबद्ध कर दुर्घटना अवरोधक/रक्षात्मक कार्य पूर्ण कराना सुनिश्चित कराये जाने के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही हेतु अधि०अभि०-लोक निर्माण विभाग (नि०ख०/प्रा०ख०)/ग्रामीण अभियन्त्रण/ ए०एच०। 2-प्रकाश बिन्दुओं की मरम्मत- सड़कों एवं मोहल्लों में स्थापित प्रकाश बिन्दु जो कि खराब व क्षतिग्रस्त है, उन्हें तत्काल ठीक करायें व लेड लाईट का प्रयोग अधिक हो यह सुनिश्चित करें।
साथ ही निर्धारित समयानुसार उनके चालू एवं बन्द होने का कार्य सुनिश्चित कराने के सम्बन्ध में (कार्यवाहीः समस्त अधिशासी अधिकारी-न०पा०प०/न०पं० एवं समस्त अधि०अभि० विद्युत, शामली)।, 3-वाहनों पर चेतावनी स्टीकर (रेडियम)-समस्त वाहनों (चार पहिया, दो पहिया, ट्रैक्टर ट्राली, कम्बाइन हर्विस्टर, स्कूल वाहन, ट्रक, टैम्पों, परिवहन निगम एवं अनुबन्धित बसों पर), एवं नगर निकायों में स्थित टैक्सी स्टैण्डों पर आ रहे वाहनों पर रिफ्लेक्टर नारंगी रंग का चेतावनी स्टीकर (रेडियम) लगवाना सुनिश्चित करें, जिससे कि वाहनों के मध्य उचित दूरी बनी रहे तथा दुर्घटनाओं को न्यून किया जा सके। (कार्यवाहीः पुलिस विभाग/सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक रोडवेज/सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी/समस्त अधिशासी अधिकारी-न०पा०प०/नं0प0)। 4-अलाव एवं कम्बल की व्यवस्था-शासनादेशानुसार महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल पर अलाव जलाने की व्यवस्था की जानी है।
ऐसे स्थलों को चिन्हित कर सूचीबद्ध कर लें एवं जिन स्थानों पर अलाव जलाये जाने है उस स्थल का नाम अक्षांश व देशान्तर के साथ उपलब्ध करायें। साथ ही अपने कार्यक्षेत्र में लेखपाल/ग्राम विकास अधिकारी/सुपर वाइजर के माध्यम से स्वैच्छिक संगठनों व सामाजिक कार्य में रुचि रखने वाले व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए स्वेच्छा से आवश्यक स्थलों पर अलाव जलवाने तथा निराश्रितों को कम्बल वितरण हेतु प्रेरित करें। (कार्यवाहीः समस्त उप जिलाधिकारी/समस्त खण्ड विकास अधिकारी/समस्त अधिशासी अधिकारी-न०पा०प०/नं0प0)। 5-रैन बसेरों की सफाई एवं आवश्यक संसाधन-विभाग द्वारा संचालित रैन बसेरों की सफाई एवं आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें।
साथ ही यह सुनिश्चित करें कि समस्त रैन बसेरे गुणवत्तापूर्ण ढंग से 24ग्7 क्रियाशील रहें एवं समस्त तहसीलों में पूर्व से स्थापित बन्दीगृह का उपयोग अस्थायी रैन बसेरा के रूप में सुनिश्चित करें। (कार्यवाहीः समस्त उपजिलाधिकारी/तहसीलदार एवं समस्त अधिकारी- न०पा०प०/नं०प०)। 6- अग्निकाण्ड- प्रायः ग्रामीण अंचल में ग्रामीणों द्वारा जलाये जाने वाले अलाव को ठीक ढंग से न बुझाने के कारण अग्निकाण्ड की घटनाएं घटित हो जाती है। उक्त के दृष्टिगत अग्निशमन विभाग द्वारा मुख्यालय एवं तहसीलों में स्थापित उपकेन्द्रों को आवश्यक संसाधनों सहित 24ग7 क्रियाशील रखा जाय। साथ ही लेखपाल/ग्राम विकास अधिकारी के माध्यम से ग्राम स्तर पर बैठक आयोजित कर अग्नि से बचाव हेतु नागरिकों को जागरूक करें।
(कार्यवाहीः पुलिस विभाग/अग्निशमन विभाग/समस्त उपजिलाधिकारी/समस्त खण्ड विकास अधिकारी)। 7- बीमारियों से बचाव-शीतलहर के कारण आम जन को अनेक प्रकार की बीमारियॉ होने की संभावना बढ़ जाती हैं। विशेषकर सर्दी, जुकाम, बुखार, पेट सम्बन्धी बीमारी आदि से बचाव हेतु समस्त पी०एच०सी०/सी०एच०सी०, एवं जिला मुख्यालय पर आवश्यक दवाइयां उपलब्ध हो तथा स्वास्थ्य केन्द्रों को किसी भी प्रकार की घटना घटित होने पर 24ग्7 क्रियाशील रहने हेतु निर्देशित किया जाय। (कार्यवाहीः मुख्य चिकित्साधिकारी)। 8-पशुओं के बचाव हेतु-शीतलहर में प्रायः पशुओं को विशेषकर उनके बछड़ों को न्यूमोनिया, डायरिया इत्यादि तथा टीकाकरण न होने के कारण खुरपका, मुँहपका बीमारी हाने की संभावना बनी रहती है।
पशुओं को सुरक्षित रखने हेतु टीकाकरण का कार्य नियमित रूप से संचालित किये जाय। साथ ही पशु केन्द्रों पर आवश्यक दवाओं का भण्डारण सुनिश्चित हो। पशु चिकित्सकों के माध्यम से ग्रामीणों को पशुओं की सुरक्षा एवं शीतलहर से बचाव हेतु जागरूक किये जाय। (कार्यवाहीः मुख्य पशु चिकित्साधिकारी)। 9- विद्यार्थियों को जागरूक किया जाना-विद्यालयों में विद्यार्थियों को शिक्षकों के माध्यम से ठण्ड से बचाव हेतु किये जाने वाले उपायों, खान-पान के विषय में प्रशिक्षित व जागरूक किये जाय। साथ ही उक्त जानकारी पोस्टर/दिवाल लेखन/चित्रण इत्यादि के माध्यम से प्रदर्शित किये जाय। (कार्यवाहीः जिला विद्यालय निरीक्षक/जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी)।