मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में अपने निवास पर एक संयुक्त प्रेस वार्ता आयोजित की। इस दौरान उन्होंने किसानों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार साझा किए और आंदोलन की चेतावनी दी। प्रेस वार्ता में शामिल पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए टिकैत ने किसानों की समस्याओं और सरकार की नीतियों पर खुलकर चर्चा की।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के गन्ने के मूल्य को लेकर बयान की आलोचना की। उन्होंने इसे निराशाजनक बताया और कहा कि एक जिम्मेदार मंत्री को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। टिकैत ने बताया कि कई शुगर मिल ग्रुप्स का भुगतान काफी विलंब से हो रहा है, जबकि सरकारी दस्तावेजों में पेपर वर्क पूरा हो चुका है। टिकैत ने नैनो यूरीया के बारे में कहा कि इसे सरकार ने बाजार में उतारा है और इसे किसानों के लिए आवश्यक बना दिया गया है।

हालांकि, इस उर्वरक की फैक्ट्री को लेकर अफवाहें थीं कि यह किसी बड़े मंत्री की हो सकती है, लेकिन उनके पास इसका पुख्ता सबूत नहीं है। उन्होंने बिजली के निजीकरण के विरोध में और एमएसपी तथा जीएम सीड्स के मुद्दे पर आंदोलन की चेतावनी दी। टिकैत ने कहा कि सरकार बिजली अमेंडमेंट बिल पास कर निजीकरण की दिशा में कदम बढ़ा रही है, और इस पर विरोध होगा। टिकैत ने कहा कि देश में और घटनाएं होंगी जैसे कि संभल में हुई हिंसा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल सरकार के आदेशों का पालन करते हैं और सरकार का वोट बैंक इस प्रकार की घटनाओं से बढ़ता है।

टिकैत ने जवाब दिया कि अगर उनके संगठन पर आरोप लगाते हैं तो सरकार इसकी जांच कराए। अगर आरोप सही पाए गए, तो जानकारी देने वाले को 10% इनाम और 30% टैक्स सरकार को देने का प्रस्ताव रखा। टिकैत ने इन मुद्दों को जोर-शोर से उठाने की योजना बनाई और इसकी शुरुआत बाराबंकी जिले से करने का ऐलान किया। जिला अध्यक्ष चौधरी नवीन राठी, प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जहिर फारुकी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश महासचिव योगेश शर्मा, अशोक घटायन, जिला मीडिया प्रभारी चौधरी शक्ति सिंह, और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।