
मुजफ्फरनगर। विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल और आंधी-बारिश के कारण बिजली व्यवस्था बेपटरी हो गई है। करीब 300 गांव प्रभावित हुए। शहर से लेकर देहात तक पेयजल का संकट खड़ा हो गया। औद्योगिक क्षेत्र में सप्लाई नहीं होने से उद्योग बंद रहे। सरकारी कार्यालयों में भी कामकाज प्रभावित रहा। डीएम अरविंद मलप्पा बंगारी ने व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए निगरानी की।
शुक्रवार की रात आंधी के साथ बारिश होने से शहर के अलावा जिले के अधिकतर हिस्से में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था चौपट हो गई। रातभर अंधेरा छा गया। पुलिस-प्रशासन ने कड़ी मशक्कत कर कुछ क्षेत्रों में आपूर्ति बहाल कराई।
शनिवार को बारिश और हड़ताल के चलते आपूर्ति बाधित रही, जिससे लोगों के सामने मुश्किलें खड़ी रही। सुबह पेयजल नहीं मिलने के कारण लोगों ने किसी तरह इंतजाम किए। हैंडपंपों से जरूरत का पानी घरों तक ले जाया गया। कुछ लोगों ने पेयजल के लिए कैंपर भी मंगाए।
कुछ देर के लिए आपूर्ति शुरू हुई तो सबमर्सिबल से जरूरत का पानी एकत्र किया गया। शहर में कुछ बस्तियों में तो शाम तक बिजली आपूर्ति नहीं हुई। कुछ बिजलीघरों की सप्लाई दोपहर तीन बजे के बाद प्रारंभ कराई गई। नगर पालिका ने जेनरेटर से अपने कुछ ट्यूबवेल चलाए।
शहर के गंगारामपुरा, खालापार, किदवईनगर, लद्दावाला, सरवट, रुड़की रोड, रामपुरी, जनकपुरी, साकेत, जाट कॉलोनी, लक्ष्मण विहार, नईमंडी, गांधी कॉलोनी आदि बस्तियों में लोगों को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। पानी को लेकर अधिक किल्लत रही।
बिजली आपूर्ति बाधित रहने और नल में पानी नहीं आने पर आम जनता के लिए परेशानी खड़ी हो गई। मोहल्लों में लगे सरकारी हैंडपंप सहारा बने। शहर में उन लोगों को अधिक परेशानी हुई, जिन लोगों ने पशुपालन कर रखा है। कई जगह तो हैंडपंप पर लाइन लगी रही। बिजली गायब रहने पर शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल और कॉलेजों में जनरेटर चलते मिले। लंबे समय बाद जेनरेटर चलाने पड़े।
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