
मुजफ्फरनगर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर जिले के विद्युत कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर धरना-प्रदर्शन किया। चेतावनी दी गई कि उनकी मांग नहीं मानी गई तो 72 घंटे की हड़ताल होगी। कर्मचारी सिसौली में फॉल्ट ठीक करने नहीं पहुंचे, जिस कारण आपूर्ति सुबह 10 बजे के बाद से बाधित हो गई। लोगों को मुश्किलें झेलनी पड़ी।
नुमाइश मैदान के बिजलीघर के परिसर में धरना जारी रहा। आंदोलन के संयोजक मुकेश मुकीम ने कहा कि ऊर्जा निगमों के चेयरमैन, ऊर्जा मंत्री के साथ कर्मचारियों के हुए समझौते को मानने से इन्कार कर रहे हैं। चेयरमैन का रवैय्या नकारात्मक है, इससे प्रदेश के विद्युत कर्मियों में आक्रोश है। कर्मचारियों के हितों के लिए ही धरने पर बैठना पड़ा है।
कर्मचारी नेता अंकित कुमार ने कहा कि हम लोगों के सामने आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं है। निविदा संविदा कर्मचारी नेता सचिन ने कहा कि संविदा कर्मचारी जान हथेली पर लेकर काम करते हैं, लेकिन निगम को इनकी कोई चिंता नहीं है। कर्मचारी नेता आकाश शर्मा ने कहा कि लखनऊ में लगतार बैठके हो रही है, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलते से हड़ताल पर जाना हम लोगों की मजबूरी होगा। कमल और वासु राठी ने भी निगम के अधिकारियों को संवेदनहीन बताया।
संघर्ष समिति के आईपी सिंह, अतुल यादव, जगरोशन, कमल सिंह, गुलजार अहमद, मुकेश मुकीम, पवन शर्मा, अंकित सिंह, नितिन अरोडा, बीबी गुप्ता, आरएन त्यागी, यूसी वर्मा, रमजित सिंह, अफजाल, कृष्ण कुमार, मनीष गुप्ता, दीपक सैनी, गिरीश कुमार, अजयपाल ने विचार रखे।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के धरने में पावर कार्पोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ, राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन, अभियंता संगठन आदि शामिल हैं।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर विद्युत कर्मियों के कार्य बहिष्कार से जिले में बिजली बिल जमा करने के सभी काउंटर बंद रहे। इस कारण आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा।
जिले में विद्युत कर्मियों की हड़ताल को देखते हुए आठ विद्युत उप केंद्रों से विद्युत आपूर्ति करना चुनौती बन गया है। इसी के साथ 98 बिजली घरों के संचालन पर संकट खड़ा होने की आशंका है। जनपद में 1500 विद्युत कर्मी हैं, जो यह सारी व्यवस्था देखते हैं, इसमें अधिकारी और कर्मचारी दोनों शामिल हैं।
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