मुजफ्फरनगर। उद्योगों में निवेश को लेकर उद्यमियों में भारी उत्साह है। इन्वेस्टर्स समिट के लिए सरकार ने साढ़े चार हजार करोड़ का लक्ष्य दिया था, जिसके मुकाबले अब तक दोगुना यानि नौ हजार 90 करोड़ के निवेश के प्रस्ताव उद्यमियों ने दिए हैं। जिले में पेपर, लोहा, केमिकल के साथ डेयरी, पर्यटन, होटल, उद्यान, फूड के क्षेत्र में भी बड़े निवेश की तैयारी है। निवेश बढ़ने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
उद्यमियों से दस फरवरी तक निवेश के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। पेपर उद्योग से जिले की पहचान बनी है। यहां की 32 पेपर मिल देश में सबसे ज्यादा कागज बना रही है। यही नहीं, यहां से कागज अन्य देशों को निर्यात भी हो रहा है। लोहा और केमिकल इंडस्ट्री में भी जिले की पहचान है। प्रदेश सरकार के उद्योग नीति 2022 यहां के उद्यमियों को खूब भा रही है। यही वजह है कि जिले को साढे़ चार हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य दिया गया था। अब तक यहां 9090 करोड़ के निवेश के प्रस्ताव आ चुके हैं। निवेश करने वालों में कई पेपर मिल अपनी क्षमता वृद्धि कर रही है। फैक्टरी के सहयोगी दूसरे प्लांट लगाने के प्रस्ताव दिए जा रहे हैं। केमिकल, लोहा उद्योग में जहां बड़े स्तर पर निवेश की तैयारी की जा रही है।
जिले के कुछ उद्यमियों ने गोवा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार में भी उद्योग लगाए हैं। प्रदेश के अन्य जिलों में भी उद्योग स्थापित हैं।
जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त परमहंस मौर्य ने बताया कि जिस तरह का उत्साह उद्यमी दिखा रहे हैं, इससे निवेश के सभी प्रस्ताव सफल होने की संभावना है। जिले में 15,983 लोगों को इन उद्योगों से रोजगार मिलेगा। प्रदेश सरकार कुल निवेश पर दस प्रतिशत की छूट दे रही है। प्रस्ताव रोज बढ़ रहे हैं, दस फरवरी तक इसमें काफी बढ़ोत्तरी हो सकती है।
आईआईए के चेयरमैन विपुल भटनागर का कहना है कि जिले में इस समय उद्योग का माहौल है। कानून व्यवस्था सही है, विद्युत आपूर्ति नियमित है। केवल एनसीआर के नियमों का डर उद्यमियों को सता रहा है। यह डर निकल जाए तो निवेश ओर अधिक बढ़ जाएगा।
भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कुशपुरी का कहना है कि प्रदेश सरकार की उद्योग नीति 2022 उद्यमियों को प्रभावित कर रही है। उद्यमियों का इससे पहला निवेश में छूट का पैसा भी जारी हो रहा है। जिले में इस बार हर तरह का उद्योग सामने आ रहा है।