मुजफ्फरनगर। अंतिम बहस के लिए 28 फरवरी की तिथि तय की गई है। शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा, सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परवेंद्र सिंह, उत्तराखंड़ संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने बताया कि मंगलवार को सुनवाई हुई। सीबीआई बनाम बृजकिशोर की पत्रावली में साक्ष्य की प्रक्रिया पूरी कराई गई। गवाह यशपाल ने पहुंचकर अदालत में गवाही दी है। विशेष एमपी एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी मयंक जायसवाल ने सुनवाई की।

एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिस पार्टी और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे। गंभीर धाराओं के सेशल ट्रायल मुकदमों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने जिले के अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह को अधिकृत किया है।