मुजफ्फरनगर। प्रदेश में मुख्य मार्गों से ई-रिक्शा हटाने की तैयारी शुरू की जा रही है। इस संबंध में शासन ने सभी जिलों के डीएम को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रमुख सचिव परिवहन एवं आयुक्त ने की ओर से पत्र भी भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि मुख्य मार्गों से ई-रिक्शा हटाने के लिए तैयारियां कर ली जाए, ताकि शहर में लगने वाले जाम से मुक्ति मिल सके। इस आदेश के बाद ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि जब रास्तों पर ही रोक लग जाएगी, वे लोग ई-रिक्शा कहां चलाएंगे। इससे कई हजार परिवार प्रभावित होंगे।
ई-रिक्शा चालक हारुन का कहना है कि जब रास्तों पर ही प्रतिबंध लग जाएगा, तो वह कहां पर अपनी ई-रिक्शा चलाएंगे। इससे ई-रिक्शा चलाने वाले करीब 10 हजार परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट पैदा होगा। उधर, यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
ई-रिक्शा चालक सोनू का कहना है कि यह शहर बहुत छोटा है, इसलिए अधिकारियों को व्यवस्था करनी चाहिए। दिल्ली और महानगरों की तरह चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाना चाहिए। कहा कि ई-रिक्शा चालकों से ज्यादा दुकानदारों और यात्रियों को परेशानी होगी।
मुजफ्फरनगर जनपद में करीब सात हजार ई-रिक्शा पंजीकृत है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब प्रमुख चौराहों से ई-रिक्शा का संचालन बंद हो जाएगा, कितने परिवारों पर आर्थिक संकट पैदा हो जाएगा। इतनी बड़ी मात्रा में ई-रिक्शाओं को तय रूट पर लगाने के बाद चालकों को इतना मुनाफा नहीं हो सकेगा। ऐसे में कई लोग ई-रिक्शा चलाना छोड़ देंगे और उन्हें आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ेगा।
ई-रिक्शाओं के रूट बदलने के बाद यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें बाजार में खरीददारी करने के लिए पैदल ही पहुंचना पड़ सकता है। इससे दुकानदारों को भी नुकसान होगा, क्योंकि यात्री ज्यादा आगे जाने की बजाए पहले ही दुकानों से सामान की खरीददारी करेंगे।
मुजफ्फरनगर के कई चौराहे और मुख्य मार्ग ऐसे है, जिन पर ई-रिक्शाओं की वजह से जाम लगता है। शहर के शिव चौक, मीनाक्षी चौक, अहिल्याबाई चौक, झांसी रानी चौक, महावीर चौक, अंसारी रोड, नावल्टी चौक आदि पर जाम की स्थिति बनी रहती है।