मोदीनगर। मोदीनगर में कुछ दिन पहले गर्म राख में झुलसी 12 साल की मासूम समरीन ने शनिवार सुबह दम तोड़ दिया। इससे पहले एक बच्ची की भी राख में झुलस कर जान जा चुकी है। मई माह में ही दो बच्चियों की मौत से लोगों में भी नाराजगी है।
गांव आबिदपुर मानकी के खेत में समरीन कुछ दिन पूर्व मां के साथ जंगल में लकड़ी बीनने गई थी तभी खेत में पड़ी गर्म राख की चपेट में आकर वह बुरी तरह से झुलस गई थी। पिता गुलफाम मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि पत्नी शमा के साथ समरीन भी लकड़ी बीनने गई थी। रास्ते में एक किसान के खेत में शुगर मिल की गर्म राख पड़ी हुई थी। समरीन उसमें फंस गई। चीख सुनकर गुजर रहे राहगीरों ने किसी तरह से समरीन को गर्म राख से बाहर निकाला। गर्म राख में फंसने के कारण समरीन बुरी तरह झुलझ गई थी। उसे उपचार के लिए मेरठ मेडिकल ले जा गया, जहां से उपचार के बाद छुट्टी कर समरीन को घर भेज दिया गया। गुलफाम ने बताया कि शनिवार सुबह समरीन ने दम तोड़ दिया। परिजनों के आग्रह पर पुलिस ने पंचनामा भरकर शव उनके सुपुर्द कर दिया। एसीपी ज्ञानप्रकाश राय ने बताया कि गुलफाम ने मामले में तहरीर दी है। तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मई के प्रथम सप्ताह में गदाना गांव में पांच वर्षीय बच्ची मानसी कौर गंभीर रूप से झुलस गई थी। मानसी को उपचार के लिए दिल्ली भेजा गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी। इसके अलावा बीते वर्ष भी गांव बुदाना में एक बच्चा शुगर मिल की गर्म राख की चपेट में आकर झुलस गया था। चीनी मिलों से निकलने वाली राख को खेतों में लापरवाही से डाल दिया जाता है। इसको ठंडा होने में काफी समय लग जाता है। ऐसे में बच्चे राख में फंस जाते हैं और लापरवाही की भेंट चढ़कर अपनी जान गवां देते हैं। इस तरह की घटनाओं पर ग्रामीणों में भी रोष है।