मुजफ्फनगर। मुजफ्फरनगर में भाकियू ने ड्रेस कोड लागू कर दिया है। कार्यर्ताओं को हिदायत दी गई है कि किसी मीटिंग, पंचायत और आयोजन में हरी टोपी लगाएं और कंधे पर हरा गमछा डालकर बिल्ला भी लगाएं।

भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने यूनियन के केन्द्रीय कार्यालय की ओर से कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के लिए नया आदेश जारी करते हुए संगठन में नई व्यवस्था लागू की है। इसमे किसी भी आंदोलन, किसान दिवस या अधिकारियों के साथ मीटिंग आदि कार्यक्रमों में शामिल होने के दौरान यूनियन के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अपनी पहचान हरा गमछा, हरी टोपी और संगठन का बिल्ला लगाकर ही जाने को कहा गया है। इसके साथ ही सहारनपुर की जिला इकाई को लेकर चल रही बातों को शीर्ष नेतृत्व ने अफवाह बताते हुए संगठन के लोगों से किसान हित में काम करते रहने का आह्वान किया है।

तीन दिन पहले कलक्ट्रेट में सहारनपुर मंडल के कमिश्नर के औचक निरीक्षण के दौरान ही जिला प्रशासन ने चौ. चरण सिंह सभागार में किसान दिवस का आयोजन किया गया था। इसमें सभी किसान संगठनों, किसानों को बुलाकर उनकी समस्याओं को सुना गया। इस दौरान भाकियू अराजनैतिक के प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक और भाकियू के जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा के बीच गरमागरमी हो गई थी। दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं में विवाद बढ़ा तो डीएम और अन्य अफसर वहां से निकल गये थे। इस तनातनी में भाकियू के दोनों गुट के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की पहचान नहीं हो पा रही थी। इसको लेकर अब भाकियू में नई व्यवस्था लागू की गयी है। राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने रविवार को नया आदेश जारी किया है। केन्द्रीय कार्यालय की ओर से यह व्यवस्था तय करने की जानकारी उन्होंने दी है। बताया गया कि यूनियन की राष्ट्रीय कमेटी के निर्णय के अनुसार भारतीय किसान यूनियन की सभी प्रदेशों की प्रदेश, जोनल, संभाग, मण्डल तथा जिला इकाईयों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि किसी भी आन्दोलन या किसान दिवस में सभी सम्बन्धित पदाधिकारी व कार्यकर्ता संगठन का हरा गमछा, टोपी, बिल्ला के बिना अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराएंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के साथ किसी भी स्तर पर होने वाली मीटिंग या वार्ता में पदाधिकारी व कार्यकर्ता इन तीनों पहचान के बिना शामिल नहीं होंगे। इसके साथ ही उन्होंने उस खबर का भी खंडन किया है, जिसमें सहारनपुर इकाई भंग होने की बात कही जा रही है। राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर की जिला ईकाई भंग की जाने की सूचना पूर्णतः गलत है। सहारनपुर की कोई भी कार्यकारिणी भंग नहीं है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों से आह्नान किया कि अपने अपने पद पर रहकर कार्य करते हुए किसानों के हित में अपने दायित्व का निर्वहन करें और सदस्यता अभियान चलाकर संगठन के कार्य को सुचारू रूप से करना सुनिश्चित करें।