मुज़फ्फरनगर। भूमाफियाओं ने खतौली में गंगनहर किनारे की सरकारी जमीन का ही बैनामा कर दिया। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी तक शिकायत पहुंची तो उन्होंने जांच शुरू करा दी। खतौली की निवर्तमान एसडीएम अपूर्वा यादव के कार्यकाल के दौरान यह बैनामे किए गए थे।
मुजफ्फरनगर जिले में खतौली के पास खतौला अरबन के नाम से स्थित जमीन को आठ मई 2018 को सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया गया था। गंगनहर के पास की यह जमीन खाली पड़ी थी। इस बीच कुछ लोगों ने पिछले दिनों साठ-गांठ कर इस जमीन का बैनामा एक व्यक्ति के नाम कर दिया। बताया गया है कि बैनामा लेने वाला शेरनगर गांव का रहने वाला है। रुपये देने के बाद उसे जालसाजी की जानकारी मिली।
शिकायत डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी और एसडीएम मोनालिशा जौहरी तक पहुंची। डीएम ने बताया कि मामले की जांच शुरू करा दी गई है। संपत्ति पर दोबारा प्रशासन का बोर्ड लगा दिया है। यह भी आदेश जारी कर दिए गए हैं कि नए आदेशों तक इस संपत्ति को खुर्द बुर्द नहीं किया जाए। जमीन का क्रय और विक्रय भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। बैनामा कराए जाने की जांच कराई जा रही है। बैनामे की पुष्टि होने पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस संपत्ति पर प्रशासन ने लगाया बोर्ड
खसरा नंबर 301 की 0.1430 हेक्टेयर और खसरा नंबर 302 की 0.0200 हेक्टेयर पर प्रशासन ने बोर्ड लगा दिया है। शिकायत में कहा गया है कि शेरनगर गांव के इकराम ने यह जमीन खरीद की है, जबकि विक्रेता दीनू है। दीनू के नाम जमीन ही नहीं थी। कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बैनाम किया गया है। इस बिंदु पर प्रशासन ने जांच शुरू करा दी है।