कानपुर: आज से 8-10 साल पहले खेले जाने वाले अधिकतर टेस्ट मैच बोरिंग और पकाऊ ही होते थे। सारे के सारे मैच ड्रॉ पर ही खत्म होते थे। टेस्ट मैच में रिजल्ट निकलते देखना किस्मत की बात होती थी। खासतौर पर भारतीय टीम जीतने के लिए नहीं बल्कि हार से बचने के लिए ही खेला करती थी। मगर अब टेस्ट क्रिकेट का टेम्पलेट बदल चुका है। सफेद कपड़ों में अब एग्रेसिव माइंडसेट वाले प्लेयर्स खेल रहे हैं। भारतीय टीम के लिए कानपुर टेस्ट इसकी जीती-जागती मिसाल है।
यह नए मुख्य कोच गौतम गंभीर की लीडरशिप में पहली टेस्ट सीरीज थी, जिन्होंने राहुल द्रविड़ से जिम्मेदारी ली। गौतम गंभीर ने अपने पहले ही टेस्ट असाइनमेंट में इरादे जाहिर कर दिए हैं। आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत ने इंग्लैंड के ‘बैजबॉल’ स्टाइल के चिथड़े उड़ा दिए हैं। जिस टेस्ट मैच में बारिश के चलते शुरुआती तीन दिन में सिर्फ 35 ओवर का खेल हुआ हो, वहां आखिरी दो दिन में रिजल्ट निकलना असंभव ही कहा जाएगा, लेकिन भारत ने कर दिखाया। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारतीय बल्लेबाजों ने पूरे टेस्ट में एक भी ओवर मेडन नहीं खेला और हर गेंद पर पिटाई की।
टेस्ट मैच में टी-20 स्टाइल की बैटिंगचौथे दिन जब धूप खिली और मैच शुरू हुआ तो हमारे गेंदबाजों ने बांग्लादेश को घुटनों पर ला दिया। सिर्फ 233 रन पर समेटने के बाद टी-20 स्टाइल में बैटिंग की और आठ के एवरेज से बल्लेबाजी करते हुए 285 रन पर अपनी पारी घोषित की। इस आधार पर भारत को 52 रन की लीड मिली। चौथे दिन ही भारत ने बांग्लादेश के दो विकेट गिरा दिए थे। आखिरी दिन बांग्लादेश की पारी 146 रन पर सिमट गई और भारत को जीत के लिए 95 रन का लक्ष्य मिला, जिसे आसानी से पाते हुए इतिहास रच दिया।
मैच के बाद रोहित ने भी माना कि राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर की कोचिंग स्टाइल में काफी फर्क है। बकौल रोहित, ‘हमने राहुल भाई (द्रविड़) शानदार समय बिताया लेकिन जीवन आगे बढ़ता रहता है। मैं गौतम गंभीर के साथ खेल चुका हूं और जानता हूं कि वह किस तरह की मानसिकता के साथ आते हैं।’ अश्विन को उनके हरफनमौला प्रदर्शन के लिए सीरीज का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। उन्होंने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के संदर्भ में इस जीत को ‘बहुत बड़ी’ बताया। अश्विन ने कहा, ‘हमने उन्हें लंच के बाद आउट किया। रोहित चाहते थे कि हमें उनके खिलाफ गेंदबाजी के लिए 80 ओवर मिले।’ उन्होंने कहा, ‘और जिस क्षण वह अंदर आया और उसने कहा कि हम 230 से कम पर आउट होने पर भी जीत के लिए प्रयास करेंगे। उसने केवल ऐसा कहा नहीं बल्कि मैदान पर उतरकर अपनी पहली गेंद पर छक्का लगाकर लय बनाई।’