मुजफ्फरनगर। लापता किशोर की बरामदगी के बाद धर्म परिवर्तन के मामले में बुधवार को सहारनपुर के गांव इस्लमानगर के मदरसे में पहुंचकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने जांच की। मदरसा संचालक के बयान लिए गए। चरथावल थाने के विवेचक थाना प्रभारी ओपी सिंह से केस की आख्या तलब की।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो की अध्यक्षता में किशोर के धर्म परिवर्तन कराने के मामले गहनता से जांच हुई। बीएसए शुभम शुक्ला भी सहारनपुर पहुंचे। उधर, पुलिस ने आयोग की टीम के आने की भनक लगते ही नंगला राई से मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर चालान कर दिया।

थाना प्रभारी ओमप्रकाश सिंह ने बताया किशोर का धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में नंगला राई निवासी मतलूब को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में ग्राम प्रधान समेत चार के खिलाफ पीड़ित के पिता ने धर्म परिवर्तन कराकर उसके बेटे को गुपचुप तरीके से रखने का मुकदमा कायम कराया था। मुजफ्फरनगर और सहारनपुर की चाइल्ड वेलफेयर टीम, डीसीपीओ, एसओ चरथावल, बीएसए, अल्पसंख्यक अधिकारी और आधार फेसिलेशन सेंटर के तकनीकी कर्मचारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम के सामने पेश हुए।

चंडीगढ़ के रायपुर थाना क्षेत्र से सात साल पहले किशोर लापता हो गया था। किशोर के अपहरण का मुकदमे की विवेचना चंडीगढ़ एएचटीयू थाने में लंबित चल रही थी। आरोपी मतलूब के नाबालिग पुत्र को चंडीगढ़ से लापता यह किशोर सात साल पहले सहारनपुर में मिल गया था। इसके बाद वह उसे अपने साथ गांव लेकर आ गया। उसके बाद किशोर की सुन्नत कराकर उसका नाम मुस्लिम रखा गया। यही नहीं एक मदरसे में प्रवेश दिलाया और तालीम दिलानी शुरू कर दी।

गिरफ्त में आया आरोपी मतलूब अपहृत किशोर का आधार कार्ड बनवाने के लिए दो सप्ताह पहले चरथावल में आया था, लेकिन यहां कार्ड बनाने के दौरान जांच में पता चला कि उसका आधार कार्ड पहले से हिंदू नाम से बना है। हिंदू संगठनों को यह मालूम हुआ तो कई लोगों ने थाने पर हंगामा करते कार्रवाई की मांग की। उसके बाद पुलिस ने सीडब्ल्यूसी में किशोर के बयान कराए। 14 अक्तूबर को मामले में नया मोड़ आया। बघरा के स्वामी यशवीर महाराज की चेतावनी के बाद चरथावल में चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। बुधवार को मुख्य आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।