मुजफ्फरनगर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सली हमले के दौरान आईईडी बम को निष्क्रिय करने के दौरान ब्लास्ट में शहीद हुए मुजफ्फरनगर जनपद के लाल सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के डिप्टी कमांडेंट विकास कुमार सिंघल की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। सवेरे जब दिल्ली से सीआरपीएफ के जवान शहीद साथी के पार्थिव शरीर को लेकर मुजफ्फरनगर पहुंचे तो जिले की सीमा से ही अपने लाल को श्रद्धांजलि देने के लिए शीतलहर और भीषण ठण्ड के बीच जिले के लोग हाथों में फूल लेकर सड़कों पर खड़े नजर आये। शहर से लेकर गांव तक शहीद की अंतिम यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी रही। लोग अंत तक पुष्प वर्षा करते रहे। तिरंगे की छांव में गांव में शहीद विकास का अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद विकास को श्रद्धांजलि देने के लिए योगी सरकार के मंत्रियों के साथ ही पूरा पुलिस व प्रशासनिक अमला और विपक्षी दलों के नेता भी पचैण्डा कलां पहुंचे थे।
मुजफ्फरनगर जनपद के गांव पचैण्डा कलां निवासी रिटायर्ड हैड मास्टर रविन्द्र कुमार सिंघल के पुत्र विकास कुमार सिंघल 2010 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। विकास वर्तमान में सीआरपीएफ की कोबरा ;कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शनद्ध 208 में डिप्टी कमांडेंट के पद पर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा में तैनात थे। शनिवार को सीआरपीएफ बीडीएस ;बम डिस्पोज स्क्वाडद्ध टीम के सदस्य बरामद आईईडी को विस्फोट कर नष्ट कर रहे थे। नक्सलियों ने कुछ ही दूरी पर दूसरा आईईडी भी लगा रखा था। बरामद आईईडी को विस्फोट कर नष्ट करने के दौरान दूसरा आईईडी भी ब्लास्ट हो गया। दूसरे आईईडी ब्लास्ट की जद में आकर डिप्टी कमांडेंट विकास कुमार सिंघल गंभीर रूप से घायल हो गए व दो अन्य जवानों को भी मामूली चोटें आईं थी। रविवार को गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें हेलीकाप्टर से रायपुर लाया गया था। यहां के एक प्राइवेट अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उपचार के दौरान ही विकास सिंघल की शहादत हो गयी। शनिवार को विकास के घायल होने की सूचना परिजन को दे दी गयी थी। विकास के परिजनों को सीआरपीएफ की ओर से बुलाया गया था। माना चौथी बटालियन पर सीआरपीएफ की ओर से श्रद्धांजलि दिये जाने के बाद विकास सिंघल के पार्थिव शरीर को मुजफ्फरनगर के लिए रवाना कर दिया गया था।
आज सवेरे करीब 10 बजे विकास सिंघल के पार्थिव शरीर को फूलों से सजी सैन्य वाहन में लेकर सीआरपीएफ के जवान मुजफ्फरनगर की सीमा पर पहुंचे। खतौली भंगेला चेक पोस्ट पर एसडीएम खतौली और सीओ खतौली ने उनकी अगुवाई की। विकास सिंघल की अंतिम यात्रा में यहीं से जनसैलाब उमड़ना शुरू हो गया था। सवेरे से ही हाथों में तिरंगा और फूलों की मालाएं लेकर लोग यहां पर विकास की शहादत पर अपने श्रद्धा पुष्प अर्पित करने के लिए शीतलहर के बीच घंटों से डटे हुए थे। यहां से शहर आने में करीब डेढ़ घंटे का समय लगा। यहां मेरठ रोड लोक निर्माण विभाग के डाक बंगले पर मंत्री सुरेश राणा और नगरपालिका परिषद् की अध्यक्ष अंजू अग्रवाल के साथ भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने विकास सिंघल को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मंत्री कपिल देव भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। मीनाक्षी चौक पर मुस्लिमों ने भी पुष्प वर्षा करते हुए शहीद विकास को खिरोज अकीदत पेश की। यहां से शिव चौक और गांधी कालौनी होते हुए विकास सिंघल का पार्थिव शरीर मुस्तफाबाद पहुंचा।
यहां जनता इण्टर कॉलेज में अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को रखा गया। यहां पुलिस प्रशासन की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सीआरपीएफ और आरएएफ के जवानों ने भी शहीद जवान को सलामी पेश की। इसके साथ ही राज्य सरकार के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री सुरेश राणा, मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल, विधायक उमेश मलिक, विधायक प्रमोद उटवाल, विधायक विक्रम सैनी, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, सदर ब्लॉक प्रमुख अमित सिंह, रमेश खुराना, अचिन्त मित्तल, सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी, महेश बंसल, शलभ गुप्ता, रालोद जिलाध्यक्ष अजीत राठी, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, डीएम सेल्वा कुमारी जे., एसएसपी अभिषेक यादव, एडीएम प्रशासन अमित सिंह, एसपी सिटी अर्पित विजय वर्गीय सहित हजारों लोगों ने यहां शहीद विकास को श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां से शहीद जवान के शरीर को उसके आवास पर ले जाया गया।
यहां परिजनों को विलाप देखकर पूरा गांव रो पड़ा। सभी की आंखें नम हो गयी। शहीद विकास सिंघल की पत्नी अपने मासूम पुत्र को गोद में उठाकर पति के अंतिम दर्शन करने आई तो सभी की आंखों से पानी नहीं रूक पाया। शहीद की मां और भाईयों का रो रोकर बुरा हाल हो रहा था। इसके पश्चात जब तक सूरज चांद रहेगा विकास तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जये, वंदेमातरम के गगनभेदी नारों के साथ शहीद विकास सिंघल की अंतिम यात्रा घर से निकली और गांव के शमशान घाट पर हजारों लोगों की मौजूदगी में तिरंगे की छांव में शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। इसके पश्चात मंत्री सुरेश राणा और मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश शहीद जवान के परिजनों को दिया। मंत्रियों ने 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चैक शहीद के पिता को सौंपा।
इसके साथ ही सरकार की ओर से परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिये जाने की जानकारी दी। मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि शहीद विकास की जाबांजी पर हमें गर्व है। सरकार की ओर से यहां पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आये। शहीद के परिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से भेजी गयी सहायता राशि का चैक उपलब्ध करा दिया गया है। शीघ्र ही इस परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जायेगी। वहीं गांव की सड़क का नामकरण भी शहीद विकास कुमार के नाम पर किया जायेगा। शहीद विकास अपने पीछे पत्नी और 4 साल की बेटी एवं 2 साल का बेटा छोड़कर गये हैं। विकास के दो भाई ओर भी हैं।
शहीद विकास की पत्नी बोली-फोर्स की लापरवाही से गई जान
मुजफ्फरनगर। छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंग मिलने के बाद वहां पर लगाये गये आईईडी बम को निष्क्रिय करने की कार्यवाही में सीआरपीएफ की कोबरा 208 बटालियन के जांबाज डिप्टी कमांडेंट विकास सिंघल ने गजब का साहस दिखाया। उन्होंने एक बम मिलने के बाद अपने साथी जवानों को वहां से दूर हट जाने के निर्देश दिये और जैसे ही दूसरा बम निष्क्रिय करने के लिए आगे बढ़े तो एक आईईडी बम पर उनका पैर पड़ जाने के कारण ब्लास्ट हो गया और देश ने एक जांबाज जवान खो दिया। विकास सिंघल की पत्नी पारूल ने आज उनके अंतिम संस्कार के दौरान आरोप लगाया कि विकास को त्वरित उपचार दिलाने में फोर्स के अफसरों ने लापरवाही बरती, समय से उपचार मिलता तो विकास की जान बच सकती थी।
शनिवार को सुकमा जिले में आईईडी बम ब्लास्ट में मुजफ्फरनगर जनपद के पचैण्डा कलां निवासी हैड मास्टर रविन्द्र सिंघल के पुत्र और सीआरपीएफ में डिप्टी कमांडेंट विकास कुमार सिंघल शहीद हो गये थे। सोमवार सवेरे उनका पार्थिव शरीर लेकर सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के आईजी कमल कांत अन्य अफसरों के साथ गांव पचैण्डा कलां पहुंचे थे।
इस दौरान शहीद जवान विकास सिंघल की पत्नी पारूल ने मीडिया कर्मियों के साथ बात करते हुए आरोप लगाया कि विकास सिंघल को घायल होने के बाद उपचार दिलाने में सीआरपीएफ के अफसरों ने लापरवाही बरती और देर होने के कारण ही विकास की मौत हो गयी। पारूल ने कहा कि वह इस बात को लेकर अपनी नाराजगी और शिकायत सीआरपीएफ के आईजी और डीआईजी के समक्ष भी दर्ज कराकर आयी हैं।
पारूल ने बताया कि 26 नवम्बर को विकास कुमार ड्यूटी पर सुकमा वापस लौटे थे। रोजाना ही फोन पर विकास से उनकी बात होती थी। शनिवार के दिन सवेरे नौ बजे भी पारूल ने विकास से फोन पर बात की थी। पारूल ने बताया कि प्रतिदिन कोबरा बटालियन के जवान क्षेत्र में सर्चिंग के लिए निकलते थे। वह उस समय भी सर्च ऑपरेशन के लिए निकलने की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने लौटकर आने पर बात करने को कहा था।
पारूल ने बताया कि इसके बाद वह नहीं लौटे, सवेरे करीब साढ़े दस बजे आईईडी बम ब्लास्ट में वह शहीद हो गये। पारूल ने कहा कि ब्लास्ट में घायल होने के कारण विकास की नस कट गयी थी। बॉडी से काफी खून बह रहा था। घटना के बाद विकास को त्वरित उपचार की आवश्यकता थी, लेकिन उनको रायपुर ले जाकर उपचार दिलाने में देरी की गयी। घटना के करीब दो घंटे बाद चोपर विकास को ले जाने के लिए पहुंचा था। तब तक बॉडी से काफी खून बह चुका था।
जब विकास को रायपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उनका हीमोग्लोबिन मात्र 3 ग्राम रह गया था। पारूल के चेहरे पर यह बताते हुए काफी गुस्सा नजर आ रहा था। उन्होंने कहा कि यदि सीआरपीएफ के अफसर इसमें तेजी बरतते तो समय पर उपचार मिलने के कारण विकास की जान बच सकती थी। पारूल ने कहा कि विकास की उसकी जिन्दगी थे, उनके चले जाने के बाद उसका भी जीवन खत्म हो चुका है, लेकिन वह विकास के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए जीवन को जीयेंगी। अपने बच्चों के लिए विकास ने जो भी सपने देखे थे, मैं उनको पूरा करने का प्रयास करूंगी।
राज्य सरकार और सीआरपीएफ के द्वारा आर्थिक सहायता दिये जाने पर पारूल ने कहा कि पैसा ही जीवन में सब कुछ नहीं होता है, पैसा देने से कुछ नहीं होगा। विकास मेरा जीवन थे, अब जीवन में उनका साथ छूट जाने के बाद मुझे ही सब कुछ सहन करना है। मैंने फोर्स के द्वारा उपचार में बरती गई लापरवाही को लेकर सीआरपीएफ के आईजी और डीआईजी के समक्ष शिकायत दर्ज करायी है। अब देखना है फोर्स की ओर से क्या किया जाता है। सरकारी नौकरी मिलने के सवाल पर पारूल ने कहा कि मैं केवल नौकरी का सम्मानजनक प्रस्ताव ही स्वीकार करूंगी, देखना है सरकार क्या देती है। फोर्स में जाने के सवाल पर पारूल ने दृढ़ता से कहा कि यदि मौका मिलता है तो वह भी अपने पति की भांति सीआरपीएफ में सेवा करना चाहती हैं।