
मुजफ्फरनगर। किसान आंदोलन के अन्तर्गत देशव्यापी प्रदर्शन की कड़ी में आज भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने अपनी रणनीति के अनुसार कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया, तो वहीं कलेक्ट्रेट पहुंचने के लिए निकले भाकियू अम्बावता के कार्यकर्ताओं को किसानों के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा जीआईसी मैदान पर ही रोक दिया गया।
जबकि अन्य कई किसान संगठनों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन के बाद अधिकारियों को ज्ञापन प्रेषित किये। भाकियू टिकैत के कार्यकर्ता महावीर चौक पर कार्यालय पर एकत्र हुए और यहां से जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां पर नीटू दुल्हैरा के नेतृत्व में एडीएम फाइनेंस आलोक कुमार को भाकियू की ओर से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन देने के बाद यह कार्यकर्ता वापस अपने जिला कार्यालय पर लौट आये। ज्ञापन में कृषि कानूनों का खुलकर विरोध किया गया। इन कानूनों को भाकियू टिकैत ने कम्पनी राज की शुरूआत बताते हुए कहा कि कृषि कानून नियंत्रण मुक्त, विपणन, भंडारण, आयात निर्यात को लेकर किसी भी सूरत में किसान हित में नहीं है।
भाकियू ने इस 13 सूत्री ज्ञापन में किसान हित से जुड़ी गंभीर समस्याओं को उठाते हुए निस्तारण की मांग की। प्रदर्शन में नीटू दुल्हैरा, संजीव त्यागी, राजेन्द्र सैनी, विकास कुमार, नीरज पहलवान, जोगिन्द्र प्रधान, संजीव पंवार, प्रवीन कुमार, बिट्टू प्रधान, शाहिद आलम, डा. विकास मलिक, प्रवीण गोलियान आदि यूनियन पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल रहे।
भाकियू अम्बावता के जिलाध्यक्ष शाह आलम के नेतृत्व में किसानों ने भी कलेक्ट्रेट कूच की तैयारी की, लेकिन एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने उनको फोर्स के साथ जीआईसी मैदान पर ही रोक लिया। उनको समझाकर वहीं पर ज्ञापन ले लिया गयारू। यहां शाह आलम ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. )षिपाल अम्बावता के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। संगठन ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने, किसानों का कर्ज माफ कराने, स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कराने की मांग की।
भाकियू किसान सेना के कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष पंकज ग्रेड के नेतृत्व में डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन दिया। पीएम मोदी को भेजे गये ज्ञापन में कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए विरोध जताया गया। इसरार, नकुल अहलावत, साबिर त्यागी, आदेश, सरताज प्रधान, शफीक अंसारी, शाहवेज खान, अकलीम त्यागी, हरेन्द्र आदि मौजूद रहे।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच डीएम कार्यालय पर धरना दिया। इन कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष श्रीकांत त्यागी व रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में किसान आंदोलन के समर्थन में नारेबाजी की। राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार को सौंपा। संगठन ने तीनों कृषि कानूनों को वापस कराये जाने के साथ ही फसलों की खरीद के लिए एमएसपी गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग की है।
किसान संगठनों को छूट, राजनीतिक दलों पर सख्ती
8 दिसम्बर के भारत बंद की तरह ही सोमवार के किसानों और राजनीतिक दलों के प्रदर्शन को लेकर जिला प्रशासन ने उसी रणनीति पर काम किया और जिला मुख्यालय पर राजनीतिक दलों के नेताओं को पहुंचने नहीं दिया गया। पुलिस प्रशासन की रणनीति केवल राजनीतक रूप से इस प्रदर्शन को विफल बनाने की रही और पूरा पुलिस फोर्स राजनीतिक नेताओं को रोकने में लगा रहा। किसानों और किसान संगठनों को अपनी बात कहने और विरोध स्वरूप प्रदर्शन करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर पूरी छूट सी दी गयी थी। किसान संगठन सोमवार को चारों ओर से अपने अपने झंडे और टोपी के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचते रहे। इनको कहीं पर भी पुलिस फोर्स या पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों की ओर से नहीं रोका गया था। भाकियू टिकैत के कार्यकर्ताओं ने तो डीएम दफ्तर के बरामदे तक पहुंचकर हंगामा किया और नारेबाजी की। जबकि सपा और रालोद के साथ ही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को घेरने में पुलिस आधी रात से ही जुट गयी थी। रालोद के कुछ कार्यकर्ता तो पुलिस की कार्यवाही से बचने के लिए आधी रात ही घर से नदारद हो गये थे। इनकी तलाश में पुलिस जुटी रही। वहीं रास्तों में से भी कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं को उठाकर पुलिस लाइन ले जाकर बैठा दिया गया।
पुलिस फोर्स के बावजूद डीएम दफ्तर पहुंचे सपाई
मुजफ्फरनगर। कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र सरकार के खिलाफ किसान संगठनों के देशव्यापी आंदोलन को समर्थन देने वाली समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन भी डीएम दफ्तर पर तमाम पाबंदियों और घेराबंदी के बीच होकर ही रहा।
सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष वसी अंसारी के नेतृत्व में सपा कार्यकर्ता पुलिस की सभी घेराबंदी को चकमा देकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम दफ्तर पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
इसके बाद एडीएम फाइनेंस आलोक कुमार के निर्देश पर सिविल लाइन थाना प्रभारी डीके त्यागी ने इन कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भिजवाया।
पूर्व महानगर अध्यक्ष वसी अंसारी,सपा नेता अब्दुल्ला राणा,सपा नेता सत्यवीर प्रजापति एडवोकेट,सपा नेता दीपक गम्भीर,सपा नेता डॉ नरेश विश्वकर्मा जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना देते हुए गिरफ्तार किए गए।
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