मुजफ्फरनगर। जनपद में लगातार प्रदूषण बढाने वाली औद्योगिक इकाईयों पर अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नजरें टेढी हो गई है। लम्बे समय बाद सक्रिय हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिले की 24 पेपर मिलों के खिलाफ बडी कार्यवाही करते हुए उनपर एक करोड रुपये का जुर्माना लगा दिया है। बोर्ड की इस कार्यवाही के बाद उद्यमियों में हडकंप की स्थिति है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लखनऊ मुख्यालय ने जिले की 24 पेपर मिलों के सामने पड़े प्लास्टिक वेस्ट पाए जाने पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए एक करोड़ का जुर्माना लगा दिया है। जब तक औद्योगिक इकाइयों के सामने से प्लास्टिक वेस्ट, राख और कूड़े के ढेर नहीं हटेंगे, उन्हें रोजाना के हिसाब से हर्जाना देना होगा। रविवार को पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) अध्यक्ष डा. भूरे लाल के मुआयने में शहर की जानसठ रोड़, भोपा रोड और जोली रोड़ पर स्थित पेपर मिलों के सामने प्लास्टिक वेस्ट के ढेर पाए गए थे। इस संबंध में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह ने उनसे पहले जांच के बाद 24 फैक्टरियों पर जुर्माना लगाने की संस्तुति बोर्ड मुख्यालय लखनऊ को भेजी थी। जिले में फैलने वाले वायु प्रदूषण के मद्देजनर लखनऊ से मुख्य पर्यावरणीय अधिकारी एनके चौहान ने भोपा रोड, जौली रोड और जानसठ रोड की अलग-अलग 24 इकाइयों पर करीब एक करोड़ रुपये कर जुर्माना निर्धारित कर दिया। इसके अलावा प्लास्टिक वेस्ट और कूड़े के ढेर हटने तक प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना निर्धारित करने का आदेश दिया है। जट मुझेड़ा और धंधेडा नाले में पेपर मिलों के अलावा अन्य 12 फैक्टरियों का गंदा पानी बहता है। इन मिलों का प्रदूषण स्तर में कमी आई है, लेकिन अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया। इस सभी बिंदुओं पर जांच के बाद क्षेत्रीय अधिकारी ने रिपोर्ट लखनऊ को भेजी थी। प्रदूषण के मुद्दों पर गंभीरता से लेते हुए बोर्ड ने करीब एक करोड़ रूपये का जुर्माना लगा दिया है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी अंकित सिंह ने बताया जब तक गंदगी के ढेर नहीं हटेंगे, तब तक उन पर जुर्माना लगता रहेगा। हर फैक्टरी पर चार से पांच लाख रुपये के करीब पर्यावरण क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना नहीं दिए जाने पर राजस्व विभाग रिकवरी करेगा। नाला सफाई की जिम्मेदारी कॉरपोरेट सोशल रेस्पोंसबिलिटी (सीएसआर) के अनुसार फैक्टरी स्वामियों की है, जिनका गंदा पानी इन नालों में बहता है। ईपीसीए के अध्यक्ष डा. भूरेलाल के गुपचुप निरीक्षण के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। डीएम सेल्वा कुमारी जे ने औद्योगिक इकाईयों के सामने पड़े कचरें, कूड़े के ढेर और प्लास्टिक वेस्ट को तत्काल हटाने के निर्देश दिए है। इस संबंध में विभिन्न विभागों के तकनीकी इंजीनियरों की टीम की ड्यूटी लगाई है। फैक्टरियों के सामने कितना कूड़ा हटा और सफाई हुई? नियमित रिपोर्ट रोजाना डीएम को की जाएगी।प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के हरकत में आने पर जनपद के वायु प्रदूषण में सुधार हुआ है। सोमवार को जिले का एक्यूआई 321 था, जो मंगलवार को सुधार होने पर 267 दर्ज किया गया।