
मुजफ्फरनगर। जिला कारागार के कर्मचारियों ने 13 साल से परिवार से दूर बेटे को उसकी मां से मिलाया। चोरी के आरोप में जेल में बंद बेटे को मां का आंचल मिला तो वह खूब रोया। बिछड़ा बेटा पाकर मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जिला कौशांबी के गांव जईपुर निवासी बुजुर्ग सावित्री अपने बेटे अतुल उर्फ छोटे (21) से मिलकर खूब रोई। परिवार ने बेटे को सलाखों से बाहर लाने की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
दरअसल, जेल में 14 सितंबर को साप्ताहिक परेड के दौरान जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा से एक बंदी ने मिलकर अपने परिजनों से संपर्क कराने की इच्छा जाहिर की। उसने अपना व परिजनों नाम व पता बताया। बताया कि जब वह आठ साल का था तब पिता ने उसे डांट दिया था तो वह नाराज होकर घर से भाग आया और इसके बाद वह इधर उधर रहा। वह पिछले चार माह से जेल में बंद है। इसके बाद उप कारापाल हेमराज सिंह को बंदी अतुल उर्फ छोटे के परिजनों की जानकारी कर उन्हें सूचना देने के लिए कहा गया।
कई दिन के प्रयास रविवार को सार्थक हुए। सोमवार दोपहर अतुल उर्फ छोटे की मां बुजुर्ग सावित्री देवी अपने बड़े बेटे के साथ जेल पर पहुंची तो जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने अपने कार्यालय में उनकी मुलाकात बिछड़े बेटे से कराई। मां-बेटा दोनों ही एक-दूसरे को देख कर फफक कर रो पड़े। अतुल उर्फ छोटे ने घर से भाग कर आने को बड़ी गलती बताते हुए कई बार क्षमा मांगी। मां सावित्री देवी का कहना है कि उनका बेटा जिस दिन से लापता हुआ था तभी से वह उन्हें सपने में दिखाई देता था। वह पिता के डांटने के बाद भाग आया था।
अतुल उर्फ छोटे को फुगाना थाना पुलिस ने चोरी के मामले में 21 मई को जेल भेजा था। उससे कोई मिलने नहीं आता था। उसने अपने गांव व पिता का नाम बताया था। इस सूचना के बाद उसके परिजनों की तलाश शुरू की गई थी। अतुल आठ साल पहले घर से भाग कर जुर्म के रास्ते पर चल पड़ा था। अब परिजन आए है और वह अतुल से मिले हैं। बेटे की जमानत के लिए उन्होंने कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है – सीताराम शर्मा, जेल अधीक्षक मुजफ्फरनगर
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