गाज़ियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में एक शख्स द्वारा जिला कलेक्टरेट के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश के मामले में एक थानेदार समेत दो पुलिस अफसरों को निलंबित कर दिया गया है. दरअसल, पीड़ित व्यक्ति की बेटी को कथित रूप से अगवा कर लिया गया है, जिसे पता लगाने में पुलिस नाकाम रही है. इससे नाराज होकर पीड़ित पिता ने आत्मदाह करने की कोशिश की. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

संजय नागर नाम के शख्स ने दावा किया कि 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली उसकी बेटी ‘लव जिहाद’ की पीड़ित है. इस शब्द का इस्तेमाल दक्षिणपंथी कार्यकर्ता शादी के जरिए कथित रूप से धर्मांतरण का हवाला देने के लिए करते हैं. नगर पुलिस अधीक्षक निपुन अग्रवाल ने घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहा, “ मधुबन बापू धाम थाने के प्रभारी सुनील कुमार और पुलिस चौकी प्रभारी रंजीत कुमार को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.”

उसने आत्मदाह की कोशिश की
उनके निलंबन का आदेश मेरठ ज़ोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) प्रवीण कुमार ने दिया है. अधिकारियों ने बताया कि निलंबित अफसर व्यक्ति की बेटी का पता लगाने में नाकाम रहे जिस वजह से उसने आत्मदाह की कोशिश की. इस बाबत 18 अप्रैल को मधुबन बापू धाम थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. लापता लड़की का पता लगाने की कोशिश की जा रही है. लड़की का पता लगाने के लिए जिला पुलिस ने दो दलों को काम पर लगाया है. अधिकारियों के मुताबिक, एक दल के प्रमुख नगर एसपी हैं.

पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था
बता दें कि पिछले महीने गाजियाबाद में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में एक उप निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर), दो मुख्य आरक्षी (हेड कांस्टेबल) और एक कांस्टेबल समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मुनिराज जी ने बताया था कि मेरठ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार द्वारा वाहनों की सघन जांच के आदेश के बावजूद जिम्मेदारी निभाने में विफल रहने पर पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था.