सहारनपुर। जिले की दो मुुख्य मार्गों को हथिनीकुंड बैराज से चिलकाना-गंगोह-बिडौली मार्ग और सहारनपुर-नकुड-गंगोह-थानाभवन मार्ग को स्टेट हाईवे श्रेणी में शामिल किया जाएगा। इनके अलावा नकुड-शाहजहांपुर-चिलकाना और गागलहेड़ी-सरसावा मार्ग को प्रमुख जिला मार्ग श्रेणी में शामिल किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग ने प्रस्ताव बना कर शासन को भेजा। इन मार्गों की श्रेणी बदलने पर शासन से अधिक बजट मिलेगा, साथ ही सड़कों का चौड़ीकरण होगा। सड़कों का विकास होने पर यातायात और अधिक सुलभ होगा।
जनपद में यातायात को सुलभ बनाया जा रहा है। कई बड़े हाईवे और एक्सप्रेस-वे जिले से होकर गुजरेंगे। इन हाईवे से जनपद के मुख्य मार्गों को भी जोड़ा जाएगा, ताकि आवागमन में कोई परेशानी न हो। अब जनपद की मुख्य सड़कों को चौड़ा और गुणवत्ता में बेहतर बनाने के लिए मार्गों की श्रेणी बदलने का कार्य किया जा रहा है। श्रेणी बदलने से मार्गों के पुनः निर्माण का बजट अधिक मिलेगा, वहीं उन्हें और अधिक चौड़ा व डिवाइडर युक्त बनाया जाएगा। स्टेट हाईवे श्रेेणी के लिए दो प्रमुख मार्गों का चयन किया गया है। इनमें हथिनीकुंड यमुना बैराज से लेकर चिलकाना, गंगोह से होकर शामली जनपद के बिड़ौली तक जाने वाले मार्ग के अलावा सहारनपुर से नकुड़-गंगोह होकर थानाभवन तक जाने वाले मार्ग को शामिल किया है। हथिनीकुंड से लेकर बिडौली तक मार्ग करीब 101 किलोमीटर लंबा और सहारपुर-गंगोह- थानाभवन मार्ग करीब 71 किलोमीटर का है। इन दोनों मार्गों को स्टेट हाईवे श्रेणी का बनाया जाएगा।
इसके अलावा जिले के दो अन्य मार्गों नकुड़-शाहजहांपुर-चिलकाना (32 किमी) और गागलहेड़ी-सरसावा मार्ग (31किमी) को प्रमुख जिला मार्ग में शामिल किया जाएगा। इस संबंध मेें लोक निर्माण विभाग ने प्रस्ताव बना कर शासन को भेजे है।
सहारनपुर। मार्गों की श्रेणी बदलने से सड़कों के विकास के लिए उसी श्रेणी का बजट शासन से मिलेगा। अधिक बजट आने पर सड़कों का विकास कराया जाएगा। श्रेणी बदलने के लिए चयनित किए गए मार्ग जहां पर सात मीटर चौडे़ है, वहां पर उन्हें दस मीटर तक चौड़ा बनाया जाएगा। जहां दस मीटर सड़क चौड़ी है और वहां पर जमीन भी है, तो वहां उसे 15 मीटर चौड़ा कर डिवाइडर बनाए जाएंगे।
सहारनपुर जनपद की दो मुख्य मार्गो को राज्य मार्ग की श्रेणी में शामिल किया जाएगा। वहीं दो सड़कों को प्रमुख जिला मार्ग की श्रेणी में रखा जाएगा। इनका प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। मार्गों की श्रेणी बदलने से उसे श्रेणी का बजट मिलेगा, जिससे सड़कों का और अधिक विकास कराया जाएगा।