मुज़फ्फरनगर । राजपाल बालियान मंत्रालय की दौड़ में तीसरी बार पिछड़ गए। बताया गया कि 2002 में भी उन्हें मंत्री बनाने की तैयारी हुई थी।
रालोद विधानमंडल दल के नेता राजपाल बालियान मंत्रालय की दौड़ में तीसरी बार पिछड़ गए। वरिष्ठता के आधार पर उन्हें ही मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी, लेकिन एन वक्त पर रालोद अध्यक्ष ने पुरकाजी विधायक अनिल कुमार का नाम आगे बढ़ा दिया।
रालोद विधानमंडल दल के नेता राजपाल बालियान पहली बार भारतीय किसान कामगार पार्टी के निकट पर वर्ष 1996 में खतौली से विधायक चुने गए थे। वर्ष 2002 में दूसरी बार जीते, तब मंत्रीमंडल में उनके शामिल की चर्चा शुरू हो गई थी। लेकिन एन वक्ता पर बघरा से चुनाव जीतीं अनुराधा चौधरी को मंत्रालय में ताजपोशी दी गई थी।
इसके बाद अनुराधा चौधरी वर्ष 2004 में कैराना से सांसद चुनी गई। दोबारा से राजपाल बालियान को मंत्रालय दिए जाने की चर्चा शुरू हुई, लेकिन एमएलसी मुन्ना सिंह चौहान को मंत्रिमंडल में जगह दे दी गई है। यही नहीं अनुराधा चौधरी को सिंचाई आयोग का अध्यक्ष बना दिया गया। अब 17 साल बाद फिर से उन्हें मंत्री बनाए जाने की चर्चा शुरू हुई, लेकिन इस बार बाजी पुरकाजी सुरक्षित सीट से विधायक अनिल कुमार मार ले गए। राजपाल बालियान वर्तमान में विधानमंडल दल के नेता है। शीर्ष नेतृत्व से बातचीत के आधार पर वह आश्वस्त भी दिख रहे थे।
रालोद के नौ विधायकों के बीच मंत्रालय कड़े मुकाबले में रहा। बुढ़ाना विधायक राजपाल बालियान, शामली विधायक प्रसन्न चौधरी, छपरौली विधायक अजय कुमार, शादाबाद विधायक गुड्डू चौधरी ने ताकत झोंक दी थी। इसके अलावा मुस्लिम विधायकों में सिवालखास से गुलाम मोहम्मद और थानाभवन सीट से विधायक अशरफ अली का नाम भी खूब चर्चा में रहा, लेकिन मंत्रालय की दौड़ में फिलहाल बाजी अनिल कुमार के हाथ लगी है।