वैसे तो जिलेभर में कैराना, झिंझाना व चौसाना क्षेत्र में अधिकृत रेत खनन के पांच से छह पट्टे अधिकृत हैं, बावजूद इसके यमुना नदी में अवैध तरीके से रेत खनन का मामला प्रकाश में आया है। खनन माफिया हरियाणा सीमा क्षेत्र में रेत खनन कर यूपी की सड़कों का इस्तेमाल कर अवैध तरीके से कारोबार करने में लगे हुए हैं। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने पर डीएम के आदेश पर एसडीएम सदर व जिला खनन अधिकारी ने रेत से लदे करीब 11 वाहनों का चालान एवं एक डंपर को सीज करने की कार्रवाई की है। इस कार्रवाई से खनन माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है।

बता दें कि जिले में कैराना क्षेत्र में मामौर,नंगला राई, मंडावर ,ईशापुर ,खुरगान एवं झिंझाना में शीतलगढ़ी, चौतरा एवं चौसाना में यमुना नदी किनारे रेत खनन के पट्टे आवंटित हैं। इससे प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष करीब 28 करोड़ रुपये की राजस्व की आमदनी होती है। अक्तूबर माह से रेत खनन शुरू हो जाता है लेकिन यमुना नदी में पानी अत्यधिक होने की वजह से निर्धारित पट्टों पर अभी रेत का खनन शुरू नहीं हुआ है। बावजूद इसके झिंझाना के चौतरा में अवैध तरीके से रेत खनन शुरू हो गया है। जिला प्रशासन का कहना है कि रेत खनन यूपी के बजाए हरियाण क्षेत्र में किया जा रहा है। जबकि रेत लदी गाड़ियां यूपी की सड़कों से गुजर रही है। इसका आसपास के ग्रामीणों ने विरोध जताया है। इसकी एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। डीएम जसजीत कौर ने इस वीडियो को संज्ञान में लेते हुए एसडीएम सदर विशु राजा एवं जिला खनन अधिकारी वशिष्ठ यादव को कार्यवाही करने के निर्देश दिए। गत दिवस रविवार को दोनों अफसरों ने कार्यवाही करते हुए इंटर स्टेट ट्रांजिस्ट पास न होने पर 11 वाहनों का चालान किया है। जबकि रेत से लदी एक डंपर को सीज करने की कार्यवाही की है। डंपर को झिंझाना थाने में खड़ी करवा दी गई है। जिला खनन अधिकारी वशिष्ठ यादव ने बताया कि जिले में कहीं पर भी अवैध तरीके से रेत खनन नहीं होने दिया जाएगा।