लखनऊ। आए दिन पानी की टंकी पर चढ़कर किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों को उत्तर प्रदेश सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है। शासन ने निर्णय लिया है कि पानी की टंकियों की सीढ़ियों पर ताला डाल दिया जाएगा या अनुपयोगी टंकियों को गिरा ही दिया जाए। इसके संबंध में मुख्य सचिव आरके तिवारी की ओर से सभी जिलों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों व पुलिस अधीक्षकों को मंगलवार को पत्र जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि समय-समय पर कतिपय व्यक्तियों द्वारा पानी की टंकी पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया जाता है। यह जन सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं है। सभी पानी की टंकियों की सीढ़ी और परिसर को ताला लगाकर बंद रखा जाए। साथ ही ऐसी व्यवस्था बना दी जाए कि कोई अवांछित व्यक्ति पानी की टंकी पर न चढ़ने पाए। जो टंकियां अनुपयोगी हो चुकी हैं, उनको तोड़ने और निस्तारित करने की व्यवस्था भी की जाए।
मुख्य सचिव आरके तिवारी ने प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कहा है कि कई जिलों में जाड़ों में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इस पर नियंत्रण के लिए उच्चतम न्यायालय, राष्ट्रीय हरित अधिकरण और उत्तरप्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा समय-समय पर निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में निरंतर समीक्षा कर अपेक्षित कार्यवाही की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा है कि पराली और कूड़ा जलाए जाने के मामले कई जिलों से लगातार आ रहे हैं। नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता अभियान चलाया जाए। पराली को अधिकाधिक गोवंश संरक्षण केंद्रों में उपलब्ध कराएं। कूड़े का निस्तारण समुचित रूप से होना चाहिए। इसके लिए उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई भी की जाए। इसके अलावा सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को प्रत्येक दिन प्रात: नौ बजे किसी कोविड अस्पताल में और शाम आठ बजे इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में नियमित रूप से बैठक करने के लिए कहा गया है।