जिलेभर में 98 हजार दुधारू पशु हैं और रोजाना करीब 3.55 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है। खास बात यह है कि पिछले एक साल में जहां दूध के 21 नमूने फेल हुए हैं वहीं दूसरी तरफ 20 से अधिक मुकदमें विचाराधीन है। जबकि दूध के 37 सैंपल के मामले में 80 हजार रुपये जुर्माना भी वसूल की गई है।
बता दें कि वर्तमान में दूध में मिलावट आम बात हो गई है। असली दूध की जगह यूरिया, डिटर्जेंट, साबुन, रिफाइंड, आलू, केमिकल से नकली दूधर तैयार हो रहा है। यहां तक कि शामली से देश की राजधानी दिल्ली तक दूध की सप्लाई की जा रही है।
खास बात यह है कि विभागीय स्तर पर सिर्फ त्योहारी सीजन में ही सैंपल लेने का काम किया जाता है। यदि साल भर के आंकड़े पर नजर डालें तो दूध के 37 सैंपल लिए गए हैं।
20 से अधिक मुकदमें दर्ज हे। इसके अलावा दूध के सैम्पल पर 80 हजार का जुर्माना वसूला गया है। जबकि 21 नमूने फेल भी हुए हैं । इसकी पुष्टि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. यशवंत सिंह ने की है।