शामली।  कोरोना काल में काफी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए थे। सबसे अधिक परेशानी वेंडरों, विक्रेताओं को हुई। जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना चालू की। जिले के 8 हजार से अधिक वेंडरों को योजना का लाभ देते हुए ऋण भी दिया गया। विभागीय अधिकारियों के अनुसार 500 के करीब ऐसे चाय, पान की दुकान करने और रेहड़ी लगाने वाले हैं, जो ऋण लेकर अन्य शहरों में चले गए हैं। अभी तक भी ऋण का भुगतान नहीं किया गया है। इससे बैंक प्रबंधन के साथ ही डूडा के अधिकारियों की भी चुनौती बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि उक्त लोग आसपास के जिलों मेरठ, बागपत या फिर हरियाणा , देहरादून में जाकर काम करने लगे हैं, कुछ ऐसे भी हैं

जिनका पता अस्थायी मिला है। अब मोबाइल नंबर और आधार के जरिए उक्त लोगों की तलाश की जा ही है। डूडा के अधिकारियों के अनुसार पहली किस्त के रूप में 10 हजार, दूसरी किस्त में 20 हजार और तीसरी किस्त में 50 हजार रुपये योजना के तहत दिए गए हैं।  पहली किश्त को जमा करने की अधिकतम सीमा 12 माह, दूसरी के लिए 18 माह और तीसरे के लिए 36 माह निर्धारित की गई है। पीएम स्वनिधि के तहत जिले में पहली किस्त के रूप में 8151 लोगों को राशि दी गई। जबकि दूसरी किश्त 2584 और तीसरी किश्त 382 लोगों को दी गई है। शहर के रहने वाले सोनू ने सबसे अधिक डिजिटल ट्रांजेक्शन की थी। उसने करीब 4 हजार की डिजिटल ट्रांजेक्शन की। इसके अलावा पीएम स्वनिधि के तहत लिए गए ऋण को भी समय पर जाम किया था।