शामली। जिले में पशुओं में फैल रहे लंपी वायरस की चपेट में 68 गांवों के 282 गोवंश आ गए हैं। जिले में गोवंश व अन्य पशुओं में फैली लंपी संक्रमित बीमारी पर रोकथाम के लिए पूर्व गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. यशवंत सिंह के साथ विभागीय टीम कसेरवा खुर्द, मस्तगढ़, उस्मानपुर, नाई नंगला व मादलपुर आदि गांवों में भेजकर संक्रमित पशुओं की जानकारी कराई। पशुपालन विभाग की टीम को जिले के 68 गांवों में लंपी की चपेट में गोवंश मिले हैं। टीम ने जांच के बाद मौके पर ही पशुओं को उपचार दिया।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कसेरवा कलां गांव में खुद गए थे। उनका कहना कि लंपी पीड़ित गोवंशों की सेहत में सुधार हो रहा है। यह चेचक जैसी बीमारी है। यह रक्त चूसने वाले कीटों व रोगी पशु की लार, दूषित जल व चारे से रोगी पशुओं से स्वस्थ पशुओं मे फैलती है। इस रोग के मुख्य लक्षण कुछ पशुओं में तेज बुखार, नाक एवं मुंह से लार आना, गर्दन, थन के आसपास 2-5 सेमी की गांठे बन जाना, पैरो में सूजन देखने को मिलती है। पशु खाना-पीना भी छोड़ सकता है।

इसका वर्तमान में बचाव का टीका उपलब्ध नहीं है गोट पोक्स या सीप पोक्स वैक्सीन कुछ बचाव के लिए उपयोग में लाई जा सकती है। रोग ग्रस्त पशुओं का उपचार भी लक्षणों के अनुरूप किया जा रहा है। रोगी पशु 7-8 दिन में ठीक होने लगते हैं। संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से दूर रखना चाहिए। पशु के बांधने के स्थान को साफ रखते हुए मच्छर/मक्खी से बचाव के उपाय करने चाहिए। पशु बांधने के स्थान पर चूने का छिड़काव करें। पशुओं को रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए त्रिफला, नीम व हल्दी का प्रयोग कर सकते हैं। डीएम जसजीत कौर ने पशुपालन विभाग के सभी अधिकारियों की एक बैठक आयोजित कर सभी पशुपालकों को बीमारी के बारे में जागरूक करने तथा बचाव का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं।